बेंगलुरु। मंगलवार रात हुई बेंगलुरु हिंसा के मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है। पुलिस के मुताबिक, 5 दंगाइयों ने 300 लोगों का एक गैंग बनाया था। ये दंगाइयों ने सभी पुलिसवालों को जान से मारने का प्लान बनाया था। इसके लिए इन लोगों ने पुलिस को निशाना बनाने के लिए गुरिल्ला जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया।
हिंसा के दौरान जो कुछ हुआ उसकी पुलिस को कभी आशंका भी नहीं थी। इस तरह के हमले कई पुराने पुलिसकर्मियों ने बहुत दिनों बाद देखा होगा। वहीं नए भर्ती हुए पुलिस कर्मियों के लिए यह एक चौंकाने वाला अनुभव रहा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु की संकरी गलियों में हिंसक भीड़ ने गुरिल्ला युद्ध जैसी टेक्निक का इस्तेमाल किया। कवलबीरसांद्रा, केजी हल्ली और डीजे हल्ली इलाके में फैली हिंसा का यह रूप शायद ही कभी किसी ने देखा होगा।
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हिंसा का यह क्रम मंगलवार रात पुलकेशीनगर के विधायक आर अखंडा श्रीनिवास मूर्ति के घर के सामने शुरू हुआ, जोकि रात करीब दो बजे तक चलता रहा। रात 10 बजे के बाद हालात बिगड़ गए क्योंकि केजी हल्ली और डीजे हल्ली पुलिस थाने पर भीड़ ने ताला लगा दिया और पुलिस वाहनों को आग लगा दी। दो स्टेशनों पर सहकर्मियों की मदद के लिए शहर के दूसरे हिस्सों से पहुंचे अतिरिक्त पुलिस बलों को हर कदम पर पत्थरों, ईंटों, बोतलों और अन्य वस्तुओं का सामना करना पड़ा।
अधिकारियों ने कहा कि स्ट्रीट लाइट्स क्षतिग्रस्त हो गईं और कई स्थानों पर उन्हें अंधेरे में सड़क ब्लॉक पर हमलावरों से बातचीत करनी पड़ी। जिन वाहनों को दंगाइयों ने नुकसान पहुंचाया था या आग लगाई गई थी, उन्हें पटरियों को बंद करने के लिए सड़क के बीच में धकेल दिया गया था।
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पुलिस कमिश्नर कमल पंत ने कहा कि 75 पुलिस अधिकारियों के साथ जब हम चल रहे थे, तब भी पत्थरों को पहले स्ट्रीट लाइट्स पर फेंका गया। जिससे पूरे क्षेत्र में अंधेरा छा गया था। अगले ही पल पत्थर, बोतलें, टायर, लकड़ी के लॉग और ईंटें हम पर बरसने लगीं। इससे हमारे पुलिस कर्मियों को चोटें आईं और वह घायल हो गए। इसके बाद हमने हवा में फायरिंग का आदेश दिया।एक दमकल कर्मी ने बताया कि केजी हल्ली पुलिस स्टेशन तक पहुंचने के लिए टेनरी रोड से गुजरने समय भीड़ से सामना हुआ।
हालांकि दो फायर गाड़ियां पहले ही मौके पर पहुंच चुकी थी और वाहनों की आग बुझा रहीं थीं। स्टेशन से आधा किलोमीटर पहले एक भीड़ ने हमारा रास्ता रोक दिया। उन्होंने हमारे वाहन के शीशे तोड़ दिए। हमें बाहर निकाला गया और उनमें से कुछ ने हमें पीटना शुरू कर दिया। किस्मत अच्छी थी कि उसी समय सशस्त्र पुलिस का एक दल हमारी तरफ आता दिखा, जिसके बाद भीड़ ने हमें छोड़कर उन्हें भी घेर लिया।
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ये था पूरा मामला
यह पूरा हंगामा कथित तौर पर कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे के कथित भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट के बाद शुरू हुआ। इसके बाद पूरे इलाके में हिंसा शुरू हो गई। हजारों की संख्या में उपद्रवियों ने केजी हल्ली और डीजे हल्ली पुलिस स्टेशनों में तोड़फोड़ और आगजनी की। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस के गोली चलाने से तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं, राज्य सरकार ने इस पूरी हिंसा को ‘सुनियोजित’ बताया है।