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शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर, STF ने पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार

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यूपी एसटीएफ ने शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेज व अनुमोदन-पत्र के आधार पर बैक डेट से नियुक्ति दिखाकर वित्त एवं लेखाधिकारी से फर्जी तरीके से शिक्षकों का वेतन व एरियर दिलाने वाले गिरोह का भण्डाफोड़ कर गैंग के 5 सदस्यों को देवरिया से गिरफ्तार किया है।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों में देवरिया निवासी ओम प्रकाश मिश्रा, मुन्ना यादव, राजकुमार मणि त्रिपाठी, संजय कुमार आर्य और गोरखपुर निवासी अजीत उपाध्याय हैं। इनके पास से 13,660 रुपये नकद, 11 मोबाइल फोन, पैन कार्ड, 2 आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स, एटीएम कार्ड, कम्पयूटर सिस्टम, वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक, शिक्षा देवरिया की मोहर भारी मात्रा में फजी दस्तावेज व कार यूपी 53 डीक्यू 0049 बरामद हुई है। इन सभी की गिरफ्तारी देवरिया जिले के कचहरी चौराहे के पास से की गयी है।

दरअसल, विगत कुछ समय से एसटीएफ को बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी तरीके से कूटरचित अभिलेख तैयार कराकर एवं बैक डेट से शिक्षकों की नियुक्ति कराने वाले गिरोह के बारे में सूचना प्राप्त हो रही थी। इसी क्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक सिद्धार्थनगर अवधेश नारायन मौर्य द्वारा अशासकीय सहायता प्राप्त पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अनियमित एवं फर्जी रूप से नियुक्त कार्यरत शिक्षकों के वेतन भुगतान के सम्बन्ध में आरोप लगाये गये है। पत्र के साथ ही अवधेश नारायण मौर्या के हस्ताक्षर से 4 शिक्षकों के पद पर नियुक्ति का अनुमोदन-पत्र भी संलग्न किया गया था। जिसके बारे में श्री मौर्या द्वारा बताया गया कि यह अनुमोदन-पत्र फर्जी है, इस सम्बन्ध में उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक को पत्र लिखा, परन्तु वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक, देवरिया से कोई जबाब नहीं आया। इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी गयी थी।

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अभिसूचना संकलन के क्रम में बेसिक शिक्षा अधिकारी, देवरिया कार्यालय से सम्बंधित शिक्षकों के बारे में जानकारी के लिए सर्म्पक कर अभिलेख प्राप्त किया गया। जॉच के क्रम में बेसिक शिक्षाधिकारी एवं वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक, देवरिया से कुछ अभिलेख मॉगे गये, जिससे यह पता चला कि कि 4 शिक्षकों का अनुमोदन-पत्र वर्ष-2011 में जारी हुआ था। (जिसको अवधेश नारायण मौर्या द्वारा फर्जी बताया गया था), जिनका प्रथम वेतन भुगतान एवं एरियर का भुगतान वर्ष-2016 में किया गया था। छानबीन में एसटीएफ को पता चला कि एक गिरोह है, जो सहायता प्राप्त विद्यालयों में स्थाई तौर पर शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए फर्जी अनुमोदन-पत्र एवं अन्य फर्जी दस्तावेज तैयार कराता है। जिस पर इस गिरोह के लोगों, विभिन्न विद्यालयों में शिक्षक पद पर फर्जी अनुमोदन-पत्र के आधार पर नियुक्त हुए शिक्षको एवं वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक, देवरिया सहित कुल 17 लोगो के विरूद्ध केस दर्ज कराया गया।

एसटीएफ फील्ड इकाई, गोरखपुर टीम द्वारा इस केस के विवेचक के साथ मिलकर इस गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ के बाद अभियुक्त मुन्ना यादव को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तो ने पूछताछ पर बताया कि यह लोग सहायता प्राप्त विद्यालयों में स्थाई तौर पर नियुक्ति के लिए सम्बन्धित अधिकारी के हस्ताक्षर स्कैन करके फर्जी तरीके से शिक्षक के पद का अनुमोदन-पत्र तैयार करते हैं और अन्य आवश्यक दस्तावेज भी तैयार करते है। इस प्रकार यह लोग बैक डेट से नियुक्ति दिखाकर एरियर का पैसा भी भुगतान करा देते है। इस पुरे अपराधिक गठजोड़ में वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक, देवरिया पूरी तरह से सम्मिलित है तथा साथ रहकर फर्जी अनुमोदन-पत्र तैयार कराते है।

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