नई दिल्ली| डीएसएसएसबी द्वारा प्राइमरी टीचर की भर्ती के लिए आयोजित ऑनलाइन परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। खुलासा हुआ है कि एक ही युवती ने चार युवतियों की जगह अलग-अलग दिन परीक्षा दी। इतना ही नहीं, वर्ष 2018 में हुई इस परीक्षा में सफल सभी युवतियों का चयन भी हो गया और उन्होंने नौकरी भी ज्वाइन कर ली।
लेकिन, जब दस्तावेजों की जांच हुई तो मामला सामने आया। डीएसएसएसबी की शिकायत पर मामला दर्ज कर क्राइम ब्रांच ने रोहिणी की तीन युवतियों को सोमवार को गिरफ्तार किया है, जबकि एक शिक्षिका की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। अब पुलिस इनकी जगह परीक्षा देने वाली मुख्य आरोपी युवती सहित उसके नेटवर्क में शामिल अन्य जालसाजों की तलाश में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
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फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बनीं तीनों आरोपी युवतियों ने बताया कि इनकी मुलाकात पंजाबी बाग स्थित एक कोचिंग सेंटर में फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग की इस युवती से हुई थी। इस युवती ने पांच-पांच लाख रुपये लेकर परीक्षा पास करवाने की डील की थी। तीनों युवतियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। डीएसएसएसबी ने तीनों के किसी भी परीक्षा में बैठने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि डीएसएसएसबी के परीक्षा नियंत्रक अनिल कुमार सिंह की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। दरअसल, 2018 में अलग-अलग तारीख पर प्राइमरी टीचर के लिए ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों से रोल नंबर शीट के दूसरे पेज पर पोस्टकार्ड साइज की फोटो लगवाकर उसका दूसरा पेज परीक्षा केंद्र पर ही जमा कराया गया था।