Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

नकली मार्कशीट बनाने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़, 20 साल से चल रहा था फर्जीवाड़ा

Fake Marksheet

Fake Marksheet

लखनऊ। अमीनाबाद पुलिस ने नकली मार्कशीट (Fake Marksheet) और सर्टिफिकेट (Certificate) बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपितों के पास से बड़ी मात्रा में जाली दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

डीसीपी पश्चिम सोमेन बर्मा के मुताबिक गिरोह का सरगना 15-20 साल से फर्जीवाड़ा कर रहा था। आरोपित ने शिवाजी रोड अमीनाबाद में दफ्तर खोल रखा था, जहां से वह लोगों को जाली मार्कशीट बनाकर बेचता था। सरगना समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

फर्जी जमानत के मामले में चार के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज

डीसीपी ने बताया कि हीवेट रोड निवासी मनीष प्रताप सिंह ने शिवाजी रोड पर कार्यालय बना रखा था। आरोपित खुद को मीडियाकर्मी बताता था। मुखबिर ने जानकारी दी थी कि मनीष बड़ी मात्रा में जाली मार्कशीट बनाकर बेचता है। इसी क्रम में अमीनाबाद पुलिस को पड़ताल के लिए लगाया गया था। शुक्रवार पुलिस टीम ने मनीष के दफ्तर में छापा मारा, जहां से 232 फर्जी अंक पत्र, 10 माइग्रेशन सह स्थानांतरण प्रमाण पत्र, 10 बंडल होलाग्राम, मोहर, आधार कार्ड, 12620 रुपये, एक तमंचा और दो कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस ने मनीष के साथी दादरी गौतमबुद्धनगर निवासी कृष्ण ठाकुर, सत्येंद्र और कासगंज निवासी राजकुमार को गिरफ्तार किया है।

फर्जी आधार कार्ड बनाने गिरोह के पांच सदस्य गिरफ्तार

छानबीन में पता चला है कि मनीष के खिलाफ दिल्ली और प्रयागराज में भी मुकदमे दर्ज हैं। यही नहीं दिल्ली और चिनहट पुलिस ने आरोपित को पहले भी जेल भेजा था। आरोपित मनीष उर्फ मांगे राम खुद को एक न्यूज चैनल का सीएमडी बताकर लोगों को धौंस में लेता था।

पकड़े गए आरोपितों के पास से केंद्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान यूपी के नाम से छपी जाली मार्कशीट मिली हैं। पुलिस का कहना है कि बरामद दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। आरोपित ने किन-किन लोगों को जाली मार्कशीट बेची है, इसका ब्योरा निकाला जा रहा है। जाली सर्टिफिकेट बनवाने वाले लोगों को चिंहित कर कार्रवाई की जाएगी।

Exit mobile version