नई दिल्ली। अभी कुछ ही महीनों पहले सरकार ने नई शिक्षा नीति देश को समर्पित की थी। अब मोदी सरकार नई साइंस टेक्नोलाजी एंड इनोवेशन पालिसी भी लाने जा रही है। फिलहाल इसका मसौदा तैयार हो गया है, जिसका फोकस भारत को दुनिया की तीन बड़ी वैज्ञानिक शक्तियों में से एक बनाने के साथ पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाना भी है।
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मंत्रालयों में अब वैज्ञानिकों की सीधी भर्ती का प्रस्ताव
फिलहाल इसे लेकर जो सुझाव दिए गए हैं, उनमें शोध को बढ़ावा देने के साथ विज्ञान और तकनीक पर आधारित काम करने वाले सभी मंत्रालयों व विभागों में 25 फीसद पदों पर वैज्ञानिकों की सीधी भर्ती करने का प्रस्ताव है। साथ ही उद्योगों के साथ जुड़ाव को भी मजबूत करने की बात कही गई है।
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देश में वैज्ञानिकों और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए कम हैं नौकरियां
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा समय में सरकार के मंत्रालयों में इनोवेशन और तकनीक से जुड़े काम खूब हो रहे हैं, लेकिन उनके पास कोई विशेषज्ञ नहीं हैं। ऐसे में यदि इस पर अमल किया जाता है, तो इसका फायदा देश को भी मिलेगा। साथ ही वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र की ओर ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित भी किया जा सकेगा। मौजूदा समय में देश में वैज्ञानिकों और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए नौकरियां कम हैं। उनके पास अभी सिर्फ प्रयोगशाला या शैक्षणिक संस्थानों में काम करने के अवसर हैं।
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विज्ञान और तकनीक से जुड़ी पांचवी नीति
विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग के सचिव आशुतोष शर्मा ने ड्राफ्ट पर चर्चा के दौरान बताया कि वैसे तो यह विज्ञान और तकनीक से जुड़ी पांचवी नीति होगी, लेकिन इनमें नए भारत और आत्मनिर्भर भारत की पूरी संभावनाएं है। जरूरत है तो आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की। जैसा हाल ही में कोरोना काल के दौरान हमने कर दिखाया है। देश में पहले भी वेंटीलेटर और पीपीई किट का निर्माण हो सकता था, लेकिन कभी हमने इसे बनाने को सोचा ही नहीं। न ही हममें इसे लेकर आत्मविश्वास ही था, लेकिन देश ने यह कर दिखाया। नीति में इसे भी प्रमुखता से शामिल किया गया है।