नई दिल्ली| भारतीय बाजार में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का सूखा खत्म होने वाला है। कोरोना संकट के बाद बाजार में आई गिरावट के बाद अब मजबूती के संकेत दिखने लगे हैं। इससे कंपनियों का उत्साह बढ़ा है। वह फिर से आईपीओ ला रही हैं। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक 34 कंपनियां आईपीओ लाने की कतार में खड़ी हैं। इसी माह यानी सितंबर में छह कंपनियां आईपीओ ला रही हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सही आईपीओ पहचान हो जाए तो बेहद कम समय में आपकी रकम दो से तीन गुना बढ़ सकती है। पिछले कुछ सालों में ऐसे कई आईपीओ रहे हैं, जिनकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस से 50 फीसदी या 100 फीसदी ज्यादा भाव पर हुई है। हालांकि, इसके लिए सही रणनीति जरूरी है।
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कोरोना संकट के बीच शेयर बाजार में तेजी से छोटे निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है। इससे कंपनियां भी आईपीओ लाने को प्रोत्साहित हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस साल आने वाली जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के लिए बड़ा बेस तैयार करने का काम करेगा। सरकार एलआईसी के जरिए 80 हजार करोड़ रुपये बाजार से जुटाना चाहती है। इसके लिए करीबन 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिकेगी।