पंजाब के चुनावी वर्ष में एक महत्वपूर्ण राजनीतक घटनाक्रम में आज अकाली दल और बसपा में गठजोड़ हो गया है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने समझौते को अंतिम रूप दिया। समझौते के मुताबिक, अकाली दल ने बसपा को 20 विधान सभा सीटें दी हैं, जबकि अन्य 97 सीटों पर अकाली दल चुनाव लड़ेगा।
अकाली दल के अध्यक्ष बादल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अकाली दल और बसपा का गठजोड़ वर्ष 2022 में पंजाब विधान सभा चुनावऔर इसके बाद आने वाले तमाम तमाम चुनावों के लिए भी लागू रहेगा। हम दोनों मिलकर चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि पंजाब में दलितों की संख्या 33 प्रतिशत है जो कि देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सर्वाधिक है।
यहां यह भी गौरतलब है कि जब अकाली दल का भाजपा के साथ गठजोड़ था तो अकाली दल ने भाजपा को 23 सीटें दी थी। कुछ माह पूर्व तक अकाली दल और भाजपा में दशकों से चला आ रहा गठजोड़ था जो कि तीन कृषि कानूनों के चलते टूट गया था।
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इसके पहले वर्ष 1996 में भी अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी में गठजोड़ हुआ था और तब लोकसभा चुनावों में इस गठजोड़ ने पंजाब की 13 में से 12 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। अब अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दावा किया है कि दोनों पार्टियां 2022 के चुनावों से लेकर आगे तमाम चुनाव मिलकर ही लड़ेंगी। बादल ने बसपा संस्थापक कांशीराम की भी प्रशंसा की और इस गठजोड़ के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती का विशेष रूप से धन्यवाद किया। सुखबीर बादल ने कहा कि आज का दिन दोनों पार्टियों के लिए ऐतिहासिक दिन है क्योंकि दोनों दलों की सोच एक जैसी ही है। सुखबीर सिंह बादल ने यह बात भी जोरदार ढंग से कही कि अकाली दल जुबान की पक्की पार्टी है और जिसका हाथ एक बार पकड़ती है उसे छोड़ती नहीं।
सुखबीर सिंह बादल ने जो 20 सीटें बसपा के देने की घोषणा की है, उनमें से ज्यादातर सीटें पंजाब के दोआबा क्षेत्र से हैं। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने मीडिया से कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने दलितों की बहुत सी सुविधाओं को वापस ले लिया जो गलत है। उन्होंने अकाली दल का बचाव करते हुए कहा कि अकाली दल ने केंद्र के तीन कृषि एक्ट के खिलाफ ही मंत्री पद की कुर्बानी दी और बसपा उसका इस बात के लिए समर्थन करती रही है। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी अकाली दल के साथ मिलकर तीन केंद्रीय कृषि अधिनियम को लागू नहीं होने देगी ।
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उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें औपचारिक रूप से अकाली दल और बसपा का गठबंधन होने की घोषणा करने के लिए ही यहां भेजा है। उन्होंने दावा किया कि आने वाली सरकार पंजाब में अकाली दल और बसपा गठजोड़ की ही बनेगी और सुखबीर सिंह बादल ही उसमें पंजाब के मुख्यमंत्री होंगे। इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर, बसपा के पंजाब प्रभारी रणधीर सिंह बेनीवाल बसपा के पंजाब अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी व अन्य पदाधिकारी शामिल थे।