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शशि थरूर को बड़ी राहत, सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में सभी आरोपों से बरी

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने ये फैसला सुनाया।

पिछले 12 अप्रैल को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले 26 मार्च को इस मामले के आरोपी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है।

शशि थरुर की ओर से वकील विकास पाहवा ने इस मामले में शशि थरूर को बरी करने की मांग करते हुए कहा था कि शशि थरुर ने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया था। उन्होंने कहा था कि सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से ये साफ है कि वो खुदकुशी नहीं कर सकती है। रिश्तेदारों ने शशि थरूर पर कोई आरोप नहीं लगाया है। अभियोजन पक्ष केवल ये कह रही है कि शशि थरूर के विवाहेत्तर संबंध थे।

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इस मामले में 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र में शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है। शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल , 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी। दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी। 1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

जहर से हुई थी मौत!

सुनंदा पुष्कर की मौत का मामला तब काफी हाईप्रोफाइल केस माना गया था. 29 सितंबर 2014 को एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपा थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सुनंदा की मौत जहर से हुई है. बोर्ड ने कहा था कि कई ऐसे रसायन हैं जो पेट में जाने या खून में मिलने के बाद जहर बन जाते है।

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