नई दिल्ली। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने कोविड-19 वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ का ट्रायल भारत में भी रोक दिया गया है। बता दें कि देशभर में 17 अलग-अलग जगहों पर इस टीके का परीक्षण हो रहा था।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। अस्त्राजेनेका के ट्रायल शुरू करने तक भारत में ट्रायल रोक रहे हैं। हम ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। कंपनी ने यह फैसला ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से नोटिस पाने के बाद लिया।
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DCGI ने सीरम इंस्टीट्यूट से पूछा था कि उसने यह क्यों नहीं बताया कि अस्त्राजेनेका ने इस वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया है? अस्त्राजेनेका ने ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के साथ मिलकर यह वैक्सीन बनाई है। DCGI ने नोटिस में कहा कि SII ने वैक्सीन के ‘सामने आए गंभीर प्रतिकूल प्रभावों’ के बारे में अपना एनालिसिस भी उसे नहीं सौंपा।
‘कारण बताओ’ नोटिस जारी करते हुए DCGI ने लगाई थी कड़ी फटकार
‘कारण बताओ’ नोटिस जारी करते हुए DCGI ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ने वैक्सीन ट्रायल को लेकर ताजा अपडेट उसे नहीं दी। DCGI डॉ. वीजी सोमानी ने नोटिस में फौरन जवाब देने को कहा है। उन्होंने कहा कि अगर कंपनी जवाब नहीं देती तो यह मान लिया जाएगा कि उसके पास सफाई में कहने को कुछ नहीं है और फिर उचित कार्रवाई की जाएगी।
सीरम इंस्टिट्यूट ने जारी रखा था ट्रायल
अस्त्राजेनेका के ट्रायल रोकने का ऐलान करने के बावजूद सीरम इंस्टिट्यूट ने ट्रायल जारी रखने की बात कही थी। कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि ब्रिटेन में चल रहे ट्रायल के बारे में हम कुछ ज्यादा नहीं कह सकते हैं। सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा कि जहां तक भारत में चल रहे ट्रायल की बात है, यह जारी है और इसमें कोई समस्या सामने नहीं आई है।
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भारत में पिछले महीने ऑक्सफर्ड वैक्सीन के फेज 2 और 3 ट्रायल को मंजूरी दी गई थी। सीरम इंस्टिट्यूट ने अस्त्राजेनेका के साथ कोविड- 19 टीके की एक अरब डोज बनाने की डील कर रखी है। वहीं इस वैक्सीन का भारत में क्लिनिकल ट्रायल कर रही है। अब तक देश में करीब 100 लोगों को यह टीका लगाया जा चुका है।
सीरम इंस्टिट्यूट अपना जवाब DCGI को सौंपेगा। बहुत कुछ अस्त्राजेनेका पर भी निर्भर करेगा कि उसकी जांच में क्या निकलकर आता है? ट्रायल अस्थायी तौर पर इसलिए रोका गया है ताकि बीमारी के बारे में और जाना जा सके। अभी यह साफ नहीं है कि इसमें कितना वक्त लगेगा? एक्सपर्ट्स के अनुसार, किसी भी वैक्सीन के ट्रायल में ऐसी परेशानियां देखने को मिलती हैं।