बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। इसके विरोध में विपक्षी महागठबंधन ने आज (9 जुलाई) को ‘बिहार बंद’ (Bihar Bandh) का ऐलान किया है। बंद के समर्थन में राज्य के अलग-अलग जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। राजधानी पटना समेत कई शहरों में सड़क पर उतरकर महागठबंधन के नेताओं ने विरोध जताया है।
बिहार बंद (Bihar Bandh) के दौरान इंडिया गठबंधन के समर्थकों ने पटना में आयकर चौराहा जाम कर दिया। राजद, कांग्रेस और महागठबंधन के अन्य विपक्षी दलों ने राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सचिवालय हॉल्ट पर रेलवे ट्रैक पर धरना दिया। वहीं, विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पटना स्थित चुनाव आयोग कार्यालय में बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज बाद में चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च का नेतृत्व कर सकते हैं।
अररिया में बिहार बंद (Bihar Bandh) के तहत प्रदर्शनकारियों ने एनएच-57 को जाम कर दिया। नरपतगंज राजमार्ग पर लंबा ट्रैफिक जाम लगा है। जहानाबाद में राजद समर्थकों ने सड़क जाम कर दिया। बंद समर्थकों ने पैसेंजर ट्रेन को रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों समाझते हुए ट्रैक से हटाया।
जयनगर से पटना जाने वाली नमो भारत ट्रेन को दरभंगा स्टेशन पर रोका। आरजेडी सहित महागठबंधन के कार्यकर्ता ट्रेन के आगे खड़े हो गए और सरकार के विरोध में नारे लगाए।
इस बीच बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “चुनाव आयोग एक राजनीतिक दल का अंग बन गया है… क्या गुजरात के दो लोग तय करेंगे कि कौन बिहारी मतदाता वोट दे सकता है और कौन नहीं?” उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। मतदाता सूची से ग़रीब लोगों के नाम हटाने की बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है। पहले उनके नाम हटाए जा रहे हैं, फिर उनकी पेंशन और राशन भी छीन लिया जाएगा।”