पटना। बिहार विधानसभा चुनाव का प्रचार करने पटना पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज साढ़े 3 दशक बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को मिल चुकी है। इस शिक्षा नीति में भाषा और अवसरों के अभाव के कारण बिहार का जो हमारा गरीब और वंचित छूट जाता था, उसको सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है।
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— ANI (@ANI) October 28, 2020
पीए मोदी ने कहा कि पढ़ाई ही नहीं, सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। अगर एससी/एसटी के आरक्षण को 10 साल के लिए आगे बढ़ाया गया है, तो सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 फीसदी का आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ग्रुप बी और ग्रुप सी की सेवाओं से इंटरव्यू पहले ही खत्म किया जा चुका है। अब कंपीटिटिव एग्जाम की व्यवस्था में भी अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं।
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पीएम मोदी ने आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा। बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों-पिछड़ों-वंचितों का हक भी हड़प लिया। क्या वे लोग बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे?
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पीएम मोदी ने कहा कि बीते डेढ़ दशकों में नीतीश जी की अगुवाई में बिहार ने कुशासन से सुशासन की तरफ कदम बढ़ाए हैं। एनडीए सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने, असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर का एक लंबा सफर तय किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि बीते समय में शिक्षा से लेकर शासन तक, किसान से लेकर श्रमिक तक, ईज ऑफ लिविंग से लेकर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस तक के लिए अभूतपूर्व रिफॉर्म्स किए गए हैं। आज साढ़े तीन दशक बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को मिल चुकी है।
आज पटना सहित बिहार के सभी शहरों में सड़क, पानी और सीवर जैसे बुनियादी मुद्दों पर तेज गति से काम किया जा रहा है। गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों का पानी साफ करने के लिए आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट भी लग रहे हैं।
पहले पटना में रिंग रोड की मांग होती थी। रिंग रोड बनी तो फिर मेट्रो की मांग तेज हुई। आज पटना मेट्रो पर काम चल रहा है तो दूसरे शहरों में भी ऐसी ही सुविधा की अपेक्षाएं बढ़ी हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों-पिछड़ों-वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वो लोग बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे? बिहार के गरीब की आकांक्षा, बिहार के मध्यम वर्ग की ये आकांक्षा कौन पूरी कर सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार को बीमार बनाया, बिहार को लूटा, क्या वह ये काम कर सकते हैं।
पहले सामान्य रेलवे स्टेशन भी एक सपना थे। अब स्टेशन तो आधुनिक सुविधाओं से जुड़ ही रहे हैं, नए-नए रेल रूट शुरू किए जाने की भी आकांक्षा है।
पहले अस्पताल में एक डॉक्टर का मिलना दुर्लभ था। अब जगह-जगह मेडिकल कॉलेज और एम्स जैसी सुविधाओं की आकांक्षा है। पहले गांव-गांव में मांग थी कि किसी तरह खड़ंजा बिछ जाए, अब हर मौसम में बनी रहने वाली चौड़ी सड़कों की आकांक्षा है।
अटल जी कभी कहते थे कि बिहार में बिजली की परिभाषा ये है, कि वो आती कम है और जाती ज्यादा है। लालटेन काल का अंधेरा अब छट चुका है। बिहार की आकांक्षा अब लगातार बिजली और एलईडी बल्ब की है।
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बीते डेढ़ दशक में बिहार ने नीतीश जी की अगुवाई में कुशासन से सुशासन की तरफ कदम मजबूती से बढ़ाए हैं। एनडीए सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने, असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर का एक लंबा सफर तय किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा जो कहती हैं वह करती हैं। अब मैनिफेस्टो पढ़कर लोग कयास लगाते हैं कि अगला फैसला कौन सा होगा? हमने कहा था- गरीबों, किसानों, महिलाओं को सशक्त बनाएंगे। आज किसानों के खाते में सीधी मदद, महिलाओं को गैस कनेक्शन, गरीबों को 5 लाख तक मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई है।