पूर्णिया। बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां इन दिनों तेज है। प्रशासन, चुनाव आयोग और सुरक्षाबलों की तैयारियां भी जोरों पर देखने को मिल रही हैं।
इसी बीच हम बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री के परिवार को बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। उनका परिवार पूर्णिया सिटी से लगभग 15 किलोमीटर चलकर एक छोटा सा गांव बैरगाछी है। बैरगाछी ही बिहार के तीन बार के मुख्यमंत्री रहे भोला पासवान शास्त्री का गांव है।
गांव में पक्की सड़क बन गयी है। गांव के मुहाने पर भोला पासवान शास्त्री गांव लिखा हुआ बोर्ड दिखेगा। आगे बढ़ने पर एक समुदाय भवन भी शास्त्री जी के नाम पर है, लेकिन जब हम आगे बढ़े तो देखकर हैरानी हुई कि क्या ऐसा घर उस परिवार का हो सकता है जिसमें कोई सदस्य तीन- तीन बार मुख्यमंत्री रहा हो। जर्जर हालत में घर है। बारिश होने पर छत से पानी टपकता है। इन्हीं हालात में ये परिवार कई सालों से जीवन बिता रहा है।
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भोला पासवान शास्त्री की कोई औलाद नहीं थी। उनके भतीजे बिरंची पासवान ने बताया कि शास्त्री जी की जिंदगी के आखिरी पल तक उनके साथ रहे। बिरंची पासवान के तीन बेटे हैं। तीनों ही बेटे दूसरे के खेतों में मजदूरी करते हैं। जब हम आगे बढ़े तो देखा कि बैरगाछी गांव के एक खेत मे तीनों ही बेटे एक खेत मे काम कर रहे थे।
बेटे कपिल पासवान ने कहा कि परिवार की माली हालत ऐसी हो गयी है कि मजदूरी करना पड़ रहा है। कपिल ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए शास्त्री जी ने अपने घर और परिवार से ज्यादा समाज और प्रदेश के बारे से सोचा। बस एक छोटा सा जर्जर हालत में घर है। न जमीन है और जायदात। परिवार की ये हालत देखकर बिरंची पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मदद की गुहार लगाई है। परिवार का आरोप है कि नेताओं को सिर्फ चुनावों में उनकी याद आती है।
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चुनाव में एक बार फिर भोला पासवान के नाम पर सियासी फायदा लेने की कोशिशें शुरू हो गयी हैं। चिरंजी पासवान कहते हैं कि या तो जयंती और पुण्यतिथि पर नेता आते हैं या फिर चुनाव के वक्त परिवार की याद आती है। चिरंजी ने कहा कि अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से मदद के वायदे मिल चुके हैं, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। हमने इलाके की विधायक लेशी सिंह से इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने कहा कि भोला पासवान शास्त्री की ईमानदारी की वो कायल है और उनके ही दिखाए रास्ते पर चलने की कोशिश कर रही हैं। लेशी सिंह पासवान शास्त्री के गांव में किए कामों को भी गिनाया। गांव में सड़क, समुदाय भवन वगैरह- वगैरह को।