बाइक-बोट घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हापुड़ से मनोज त्यागी को गिरफ्तार किया है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मनोज त्यागी पर शिंकजा कसा है।
ईडी की टीम ने मेसर्स एफ7 ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पूर्व निदेशक मनोज त्यागी के यहां छापेमारी की है। ईडी के मुताबिक मनोज त्यागी को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
मनोज त्यागी की भूमिका ‘बाइक बोट’ मामले में जांच के घेरे में है जो कि उसकी प्रमोटर कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड से जुड़ी है। उधर, आरोपी मनोज त्यागी को सोमवार को ईडी कोर्ट में पेश किया जाएगा।
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त्यागी इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक विजेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी सहयोगी है, और उसे करोड़ों रुपये के वित्तीय लेनदेन में सुविधा पहुंचाने और मामले से जुड़े भौतिक तथ्यों को छिपाने तथा एजेंसी को गुमराह करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।” बता दें कि बाइक-बोट घोटाला मामले में करीब एक लाख 75 हजार से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की गई थी।
बाइक-बोट घोटाला को साधारण शब्दों में इस तरह समझा जा सकता है कि ओला और उबर जैसी कंपनियों की तर्ज पर बाइक टैक्सी चलवाने का झांसा देकर एक प्रोजेक्ट लांच करवाने की तैयारी की घोषणा की गई थी, इसका झांसा देकर हजारों-लाखों निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई थी। ईडी के मुताबिक बाइक-बोट कंपनी ने करीब एक लाख 75 हजार निवेशकों को काफी मोटे मुनाफे का लालच देकर करीब तीन हजार रुपये का निवेश करवाया।
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लोगों से पैसे निवेश करवाने के बाद उस फंड को फर्जी कंपनियों और ट्रस्ट में दान के नाम पर सारी रकम खपा दी गई। उसके बाद उस दान वाली रकम को कुछ कमीशन देकर संचालकों ने फिर से घुमाकर अपने खातों में ले लिया था। लिहाजा इस मनी ट्रेल को खंगालते हुए ईडी की टीम ने ये कार्रवाई की है।