मेरठ जनपद की एसटीएफ की टीम ने बाइक बोट घोटाले में फरार चल रहे 50-50 हजार रुपए के इनामी दंपती को लुधियाना से दबोचा है। ‘बंटी और बबली’ की यह जोड़ी पंजाब में सैकड़ों लोगों की रकम इस फर्जी स्कीम में लगवाने के बाद से फरार चल रही थी। इसके बाद एसटीएफ ने इन पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया था।
बताते चलें वर्ष 2019 में देश के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले के मामले में अलग-अलग राज्यों के रहने वाले पीड़ितों ने कुल 56 मुकदमे दर्ज कराए थे। इन सभी मुकदमों की जांच मेरठ एसटीएफ और ईओडब्ल्यू की टीम कर रही है। दोनों विभागों की टीम संयुक्त कार्रवाई करते हुए अब तक इस घोटाले में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है।
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मूल रूप से पंजाब के धारीवाल एनक्लेव जालंधर का निवासी रविंद्र 26 पंजाब रेजीमेंट में तैनात था। इसी दौरान मेरठ में पोस्टिंग के समय रविंद्र की मुलाकात नोएडा निवासी करणपाल और उसके साले वीरेंद्र मलिक से हुई। तीनों के बीच दोस्ताना संबंध हुए। इसी दौरान वर्ष 2007 में रविंद्र सेना से रिटायर हो गया। कुछ साल बाद करणपाल और वीरेंद्र ने उसे गर्वित इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से जोड़ दिया। यह कंपनी लोगों को बाइक बोट में पैसा इन्वेस्ट करने के नाम पर मोटे फायदे का झांसा देकर अपने जाल में फंसाती थी।
एसटीएफ के सीओ ब्रजेश सिंह ने बताया कि रविंद्र और उसकी पत्नी रेखा ने पंजाब के रहने वाले सैकड़ों लोगों से बाइक बोट स्कीम में पैसा इन्वेस्ट कराया था। इसके बाद जब कंपनी डूबी तो आरोपी अपने घर से फरार हो गए। एसटीएफ और ईओडब्लू की टीम लगातार आरोपी दंपती की तलाश में जुटी थी। दोनों के ऊपर 50-50 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था।
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शुक्रवार को मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए रविंद्र और उसकी पत्नी रेखा को लुधियाना स्थित उनके दूसरे मकान से दबोचा गया। फिलहाल, दोनों आरोपियों को पंजाब से नोएडा लाया जा रहा है। जहां शनिवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।