लखनऊ। कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो जुलाई की आधी रात के बाद गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश में गई टीम पर हमला और सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में स्पेशल इंवेस्टीगेटिंग टीम की रिपोर्ट पर बड़ा एक्शन तय हो गया है। इस कांड में आठ के खिलाफ बेहद सख्त कार्रवाई होगी।
अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल की रिपोर्ट मिलने के बाद गृह विभाग एक्शन तैयार कर रहा है। सरकार ने 11 जुलाई को अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया, जिसमें अतिरिक्त महानिदेशक हरि राम शर्मा और डीआईजी रविंदर गौड़ शामिल थे। गृह विभाग के सचिव तरुण गाबा ने बताया कि एसआइटी ने बिकरु कांड में दोषी पाए गए पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ जांच का दायरा तय किया है।
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इनमें से आठ के खिलाफ वृहद दंड की कार्रवाई होगी। एसआईटी ने विकास दुबे के मोबाइल फोन के रिकॉर्ड का एक वर्ष तक कॉल रिकॉर्ड निकलवाया। इसके बाद विश्लेषण किया और पाया कि कुछ पुलिसकर्मी उसके नियमित संपर्क में थे। एसआईटी को शुरू में सभी पहलुओं तथा संबंधित दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद काफी कुछ पता चला। गहन पड़ताल के बाद एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट दी और अब सरकार कार्रवाई कर रही है।
कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव के कांड में चौबेपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी के साथ इस केस के विवेचक अजहर इशरत, दारोगा कृष्ण कुमार शर्मा, कुंवर पाल सिंह, विश्वनाथ मिश्रा व अवनीश कुमार सिंह के साथ आरक्षी अभिषेक कुमार तथा रिक्रूट आरक्षी राजीव कुमार के खिलाफ बेहद सख्त एक्शन होगा।
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गृह विभाग ने प्रभारी निरीक्षक बजरिया कानपुर नगर राममूर्ति यादव, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कृष्णानगर लखनऊ अंजनी कुमार पाण्डेय, उप निरीक्षक चौबेपुर कानपुर नगर दीवान सिंह, मुख्य आरक्षी चौबेपुर लायक सिंह, आरक्षी चौबेपुर कानपुर नगर विकास कुमार तथा आरक्षी चौबेपुर कानपुर नगर कुंवर पाल सिंह के खिलाफ लघु दंड की कार्रवाई की संस्तुति की गई है। इसके साथ ही एसआइटी ने इसके साथ 23 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ तथा कानपुर से प्रारंभिक जांच करवाकर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है।