उत्तर प्रदेश के कानपुर के चर्चित बिकरु कांड में आरोपी खुशी दुबे की जमानत अर्जी इलाहाबाद हाइकोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस जेजे मुनीर की एकलपीठ ने एक जुलाई को इस पर फैसला सुरक्षित किया था।
जमानत अर्जी में खुशी दुबे की तरफ से खुद को निर्दोष बताया गया था। बता दें खुशी दुबे पुलिस एनकांउटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी है।
बता दें खुशी दुबे की तरफ से जनवरी माह में जमानत की अर्जी दाखिल की गई। इसमें उसने खुद के बेगुनाह होने और जेल में सेहत खराब होने का हवाला हाईकोर्ट में दिया। याची ने जमानत पर रिहा किए जाने की अपील कोर्ट से की गई थी।
बता दें कि कानपुर के बिकरू गांव में पिछले साल 2 जुलाई की आधी रात को घात लगाकर किए गए हमले में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। इस वारदात को कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके गुर्गों ने अंजाम दिया था। इतनी बड़ी घटना होने से देश-प्रदेश में हड़कंप मच गया था। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए विकास दुबे के कई गुर्गों को मुठभेड़ में एक-एक कर मार गिराया था।
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इसी क्रम में विकास दुबे के करीबी 23 वर्षीय अमर दुबे को पुलिस ने हमीरपुर में ढेर कर दिया था। विकास दुबे की सरपरस्ती में अमर दुबे की तीन दिन पहले ही खुशी दुबे से शादी हुई थी। बिकरू कांड के आठ दिन बाद 10 जुलाई, 2020 को एसटीएफ ने विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाते समय उस वक्त एनकाउंटर में मार गिराया था, जब उसने साथ चल रहे पुलिसकर्मी का हथियार छीनकर भागने का प्रयास किया था। मामले में खुशी दुबे को गिरफ्तार किया गया था, वह तभी से न्यायिक हिरासत में है।