चुनाव में फर्जी मतदान को रोकने सहित दूसरे सुधारों को देखते हुए सरकार ने एक महत्वपूर्ण विधेयक आज लोकसभा (Lok Sabha) में पेश किया। संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार के कार्यसूची में वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने वाला विधेयक ‘चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक 2021’ शामिल था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बीते बुधवार हुई बैठक में इस विधेयक के प्रारुप को मंजूरी दी गई थी। इस विधेयक में मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति के नाम के दोहराव और फर्जी मतदान पर रोक लगाने के लिए वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रावधान किया गया है।
बता दें कि सोमवार यानी आज चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक 2021 को विधि एंव न्याय मंत्री किरेन रिजीजू पेश ने पेश किया। बता दें कि इस विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि चुनाव पंजीयन अधिकारी वोटर लिस्ट में पहले से नामजद व्यक्ति के पहचान को प्रमाणित करने के लिए आधार कार्ड नंबर की मांग कर सकता है।
जिससे एक व्यक्ति के एक से ज्यादा चुनाव क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन (पंजीयन) और एक ही चुनाव क्षेत्र में वोटर के रुप में अलग-अलग पतों से रजिस्ट्रेशन को खारिज किया जा सकेगा। जिससे निष्पक्ष और एक वोटर एक मतदान की ओर बढ़ने में काफी सहायता मिलेगी।
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वहीं, चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक 2021 में यह भी प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं भी है तो भी उसे मतदाता सूची में नाम जुड़वाने से नहीं रोका जा सकता और न ही उस ही पहले से दर्ज उसके नाम को खारिज किया जा सकता है। ऐसे लोग दूसरे दस्तावेजों की सहायता से भी अपना पंजीयन करवा सकते हैं।