• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

देश की सर्वाधिक डॉल्फिन यूपी में, बाघों की संख्या 173 से बढ़कर 205 हुई

Writer D by Writer D
04/06/2025
in उत्तर प्रदेश, राजनीति, लखनऊ
0
Biodiversity

Dolphins

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ। “ये खूबसूरत दुनिया हमने और आपने नहीं बनाई है। यह हमें बनी बनाई मिली है। इसे जहां तक संभव हो और खूबसूरत बनाने का प्रयास करें।” ऐसा पर्यावरण प्रेमियों का कहना है। उनका यह भी कहना है कि सहअस्तित्व ही हमारी बुनियाद है। इंसान सहित हर जीव-जंतु की अहमियत है। लिहाजा सबके संरक्षण का प्रयास होना चाहिए। इनको समग्रता में जैव विविधता (Biodiversity) कहते हैं। इस जैव विविधता के संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रयास भी कर रही है। उनका प्रयास इसीलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि जैव विविधता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जरूरी जल, जंगल और जमीन से उनको खासा लगाव है।

इसके नतीजे भी दिखने लगे हैं। मसलन देश में सबसे अधिक डॉल्फिन (Dolphins) की संख्या उत्तर प्रदेश में है। बाघों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। वन विभाग के अनुसार प्रदेश में 2018 में इनकी संख्या 173 थी जो 2022 में बढ़कर 205 हो गई। योगी सरकार धार्मिक एवं पर्यावरण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले धरती के सबसे पुराने जीव कछुओं के अवैध शिकार एवं इनके व्यावसायिक उपयोग पर अंकुश लगाने के साथ इनके संरक्षण का भी प्रयास कर रही है। साथ ही लोगों को जैव विविधता (Biodiversity) के महत्व के बारे में भी जागरूक कर रही है। इसके लिए सरकार कछुआ संरक्षण योजना चला रही है। इस क्रम में उनके प्राकृतिक आवासों को संरक्षित किया जा रहा है। सारनाथ और कुकरैल में कछुआ प्रजनन केंद्र स्थापित किए गए हैं। चूंकि गंगा नदी कछुओं का स्वाभाविक आवास रही है इसलिए गंगा के किनारे बसे मेरठ, मुजफ्फरनगर, हापुड़, बिजनौर, अमरोहा और बुलंदशहर पर खास फोकस है।

नदियों सहित तमाम जलस्रोत एवं पेड़, पौधे तमाम जीव-जंतुओं के स्वाभाविक एवं प्राकृतिक आवास होते हैं। अगर जलस्रोतों के किनारे ही पेड़, पौधे हों तो जैव विविधता (Biodiversity) के लिए यह और भी बेहतर है। यही वजह है कि योगी सरकार का जोर सभी प्रमुख नदियों के किनारे और अमृत सरोवरों के किनारे पौधरोपण पर है। इस क्रम में सरकार वर्ष 2017-2018 से 2024-2025 के दौरान 204.65 करोड़ पौधरोपण करा चुकी है।

इस साल भी 35 करोड़ पौधे लगवाने का लक्ष्य है। गंगा नदी के किनारे पहले ही गंगा वन के नाम से पौधरोपण का कार्यक्रम जारी है। इस बार गंगा सहित यमुना, चंबल, बेतवा, केन, गोमती, छोटी गंडक, हिंडन, राप्ती, रामगंगा और सोन आदि नदियों के किनारे 14 करोड़ से अधिक पौधरोपण की योजना है।

योगी सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश में हरित क्षेत्र का एरिया बढ़ा है। भारत वन स्थिति रिपोर्ट (ISFR-2023) के अनुसार उत्तर प्रदेश में वन क्षेत्र 559.19 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। सरकार का लक्ष्य साल 2030 तक राज्य का हरित आवरण 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का है। जैव विविधता के लिए ही सरकार वेटलैंड्स को संरक्षित कर रही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि विषमुक्त प्राकृतिक खेती भी जैव विविधता में मददगार बन रही है। प्राकृतिक सफाईकर्मी माने जाने वाले लुप्तप्राय हो रहे गिद्धों के संरक्षण के लिए योगी सरकार द्वारा गोरखपुर में जटायु संरक्षण केंद्र की स्थापना भी इस संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यूपी ने जैव विविधता (Biodiversity) 

नौ तरह की कृषि जलवायु होने के नाते प्रदेश में वनस्पति और जीव-जंतु दोनों में भरपूर विविधता है। इनके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए यहां एक राष्ट्रीय उद्यान और दो दर्जन से ज्यादा वन्यजीव अभयारण्य हैं। इसी उद्देश्य से राज्य जैव विविधता बोर्ड (Biodiversity Board) की भी स्थापना की गई है। उल्लेखनीय है कि यूपी में स्तनधारियों की 56, पक्षियों की 552, सरीसृप की 47, उभयचर की 19 और मछलियों की 79 प्रजातियां हैं।

संकट

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की पादप एवं जंतु प्रजातियों की लाल सूची के अनुसार भारत में लगभग 97 स्तनधारी, 94 पक्षी और 482 पादप प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है। वैश्विक स्तर पर देखें तो यह खतरा 10 लाख प्रजातियों पर हैं।। 1970 से 2018 के दौरान वन्य जीवों की आबादी 69 फीसद घटी है। एक अनुमान के अनुसार 150 साल में कीटों की करीब 5 से 10 फीसद प्रजातियां खत्म हो चुकी हैं। संख्या के लिहाज से ये ढाई से पांच लाख के बीच होगी। पर्यावरण के गंभीर संकट के मद्देनजर यह समय की मांग भी है क्योंकि करीब 75 फीसद फसलों और 85 फीसद जंगली वनस्तियों का परागण पक्षियों एवं कीटों के जरिये ही होता है।

Tags: Biodiversity
Previous Post

सभी जनपदों में किया जाएगा पौधरोपण, ‘एक पेड़ मां के नाम’ पर लगाए जाएंगे पौधे

Next Post

‘हर बच्चा खास है’: योगी सरकार ने विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शुरू किया पोस्टर अभियान

Writer D

Writer D

Related Posts

CM Dhami
राजनीति

प्रधानमंत्री की अपेक्षाओं के अनुरूप हमारा राज्य, तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर: मुख्यमंत्री

14/08/2025
Pooja Pal
Main Slider

सीएम योगी की तारीफ करना पूजा पाल को पड़ा महंगा, अखिलेश ने पार्टी से कर दिया आउट

14/08/2025
Rahul Gandhi
राजनीति

राहुल गांधी को “जान को खतरा” मामले में ट्विस्ट, वकील ने बिना सहमति दाखिल की थी अर्जी

14/08/2025
cm yogi
उत्तर प्रदेश

परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी ने विपक्ष को बनाया कूप मंडूक : योगी आदित्यनाथ

14/08/2025
cm yogi
Main Slider

विकसित भारत के इंजन के रूप में आगे बढ़ेगा उत्तर प्रदेशः योगी आदित्यनाथ

14/08/2025
Next Post
Poster

‘हर बच्चा खास है’: योगी सरकार ने विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शुरू किया पोस्टर अभियान

यह भी पढ़ें

Indigo

इंडिगो की फ्लाइट को फिर मिली बम की धमकी, मुंबई में की इमरजेंसी लैंडिंग

01/06/2024
pm modi

असम के लोगों को कांग्रेस के महाझूठ से बचने की जरूरत है : मोदी

01/04/2021
एनसीबी की छापेमारी में पकड़ी गई अभिनेत्री

एनसीबी की छापेमारी में पकड़ी गई अभिनेत्री, ड्रग पैडलर भी गिरफ्तार

03/01/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version