नई दिल्ली। अमेरिका ने कोरोना वायरस के संक्रमण से निजात दिलाने वाले टीके की 10 करोड़ खुराक अपने पास सुरक्षित कर ली है। जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक ने कहा कि अमेरिका ने $1.95 अरब कीमत की कोरोना वायरस की वैक्सीन अपने लिए हासिल कर ली है। ऐसी ही खबर रूस से भी आई कि वहां के राष्ट्रपति समेत अरबपतियों ने कोरोना वायरस का टीका लगवा कर खुद को कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण से खुद को बचा लिया है।
#BREAKING US secures 100 million doses of potential coronavirus vaccine for $1.95bn: German firm BioNTech pic.twitter.com/Y4c9wpaYuu
— AFP News Agency (@AFP) July 22, 2020
रूस के राष्ट्रपति समेत अरबपतियों ने लगवाया टीका
कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगी वैज्ञानिकों की सैंकड़ों टीमों में से कुछ टीमें आगे चल रहीं हैं, इनमें रूस के वैज्ञानिकों का एक दल भी है। रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल पूरा कर लिया है। हालांकि अब एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन, बड़ी राजनीतिक हस्तियों और देश के अरबपतियों ने अप्रैल महीने में ही कोरोना का टीका लगवा लिया था।
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इन्हें लगाया जा चुका है कोरोना का टीका
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के अरबपतियों और राजनेताओं को कोरोना वायरस की प्रायोगिक वैक्सीन को अप्रैल में ही दे दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति पुतिन को ये टीका दिया गया है या नहीं ये कन्फर्म नहीं है लेकिन जिस तरह सभी शीर्ष राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारी और अरबपतियों को ये दिया जा चुका है। ऐसे में पुतिन को ये नहीं दिया गया हो इसकी संभावना बेहद कम है। रिपोर्ट के मुताबिक जिन अमीरों को यह वैक्सीन दी गई, उनमें एल्युमीनियम की विशाल कंपनी यूनाइटेड रसेल के शीर्ष अधिकारी, अरबपति और सरकारी अधिकारी शामिल हैं। इस वैक्सीन को मास्को स्थित रूस की सरकारी कंपनी गमलेया इंस्टीट्यूट ने अप्रैल में तैयार किया था।
Scores of members of Russia’s business and political elite have been given early access to an experimental vaccine against Covid-19 https://t.co/kb8mNPgjIg
— Bloomberg (@business) July 20, 2020
रूस की सेना ने फंड की है ये वैक्सीन
रिपोर्ट के मुताबिक गमलेई वैक्सीन को रूस की सेना और सरकारी रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने फंड किया है। रूस ने जानकारी दी थी कि इस वैक्सीन का पिछले हफ्ते ही पहला ट्रायल पूरा हो गया है और टेस्ट भी रूस की सेना के जवानों पर ही किया गया है। हालांकि इसके नतीजे अभी सार्वजनिक नहीं किये गए हैं लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि एक बड़े समूह पर इसका परीक्षण शुरू कर दिया गया है। रूस की गमलेई की वैक्सीन पश्चिमी देशों की तुलना में ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रही है। तीन अगस्त से इस वैक्सीन का फेज 3 का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। इसमें रूस, सऊदी अरब और यूएई के हजारों लोग हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि रूस सितंबर तक कोरोना वायरस वैक्सीन अपने नागरिकों को दे देगा।
गमलेई सेंटर के हेड अलेक्जेंडर जिंट्सबर्ग ने सरकारी न्यूज एजेंसी TASS को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि वैक्सीन 12 से 14 अगस्त के बीच ‘सिविल सर्कुलेशन’ में आ जाएगी। अलेक्जेंडर के मुताबिक, प्राइवेट कंपनियां सितंबर से वैक्सीन का बड़े पैमाने पर प्रॉडक्शन शुरू कर देंगी। हालांकि रूसी अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यह वैक्सीन दी गई है या नहीं। गमलेई सेंटर हेड के मुताबिक, वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल में पूरी तरह सेफ साबित हुई है।