नई दिल्ली। यह वायरस पक्षियों से इंसानों में भी जा सकता है, इसलिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इसे रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। पशुपालन राज्यमंत्री संजीव बालियान ने बुधवार को बताया कि इसका कोई इलाज नहीं है इसलिए सभी राज्य सरकारों को बचाव और रोकथाम वाले कदम उठाने को कहे गए हैं।
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बर्ड फ्लू वायरस सदियों से दुनियाभर में फैलता रहा है। पिछली सदी में यह 4 बार बड़े पैमाने पर फैला था। भारत में पहली बार 2006 में एवियन इन्फ्लूएंजा फैला था। हालांकि, भारत में अभी तक इस वायरस से इंसानों के संक्रमित होने का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन इसमें इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता है।
इन 5 राज्यों में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि
बालियान ने बताया कि अभी तक राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इन राज्यों में कई कौओं और बगुलों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि एवियन इन्फ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू भारत के लिए कोई नया नहीं है। उन्होंने कहा कि 2015 के बाद से देश में हर साल जाड़े के दिनों में इस बीमारी के कुछ केस मिलते हैं।
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2015 से हर साल भारत में सामने आते हैं बर्ड फ्लू के केस
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यह कोई नया ट्रेंड नहीं है। भारत में बर्ड फ्लू पहली बार 2006 में सामने आया था और 2015 से तो हर साल कुछ मामले सामने आते हैं।’ बालियान ने कहा कि यह इंसानों में भी जा सकता है लेकिन भारत में अब तक इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इसका कोई इलाज नहीं है, हम सिर्फ सावधानियां बरत सकते हैं। एवियन इन्फ्लूएंजा के इंसानों और दूसरे घरेलू जानवरों और पक्षियों में फैलने की आशंका के मद्देनजर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने भी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।