पुणे। महाराष्ट्र के नागपुर के बर्ड सेंचुरी के बाद अब लातूर और रायगढ़ जिले में भी बर्ड फ्लू (Bird Flu) के वायरस ने दस्तक दे दी है। लातूर में 4200 मुर्गियों के चूजों की मौत हो गई है। रायगढ़ के उरण तहसील में मुर्गियों में बर्ड फ्लू रोग की पहचान हो गई है, जिसके बाद मुर्गियों की मांग जिले में 30 प्रतिशत घट गई है।
इससे पहले नागपुर के एनिमल रेस्क्यू सेंटर में 3 बाघ और एक तेंदुए की मौत बर्ड फ्लू (Bird Flu) से हुई। उसके बाद लातूर में 100 कौवों की मौत बर्ड फ्लू से हुई। अब लातूर में ही 4200 से ज्यादा चूजों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि, इसकी रिपोर्ट पुणे लैब से आनी बाकी है, लेकिन बर्ड फ्लू से कौवों की मौत के बाद प्रसाशन ये मान कर चल रहा है कि चूजों की मौत का कारण भी यही है।
इसका संज्ञान लेते हुए पशु चिकित्साधिकारी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया। अधिकारियों का कहना है कि नमूने पुणे की एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं और उनके नतीजे आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। ढालेगांव की यह घटना बर्ड फ्लू (Bird Flu) संकट की पुनरावृत्ति हो सकती है, जो पशुधन और पोल्ट्री व्यवसाय को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
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बर्ड फ्लू फैलने की चिंताओं के कारण प्रशासन ने गहन जांच शुरू कर दी है। पशु चिकित्सा अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है। प्रशासन ने इसके लिए एडवाइजरी भी जारी की है। रायगढ़ जिले में सालभर में 40 लाख 24 हजार मुर्गियों का उत्पादन किया जाता है। इसमें 30 लाख 85 हजार मुर्गियों का उत्पादन व्यावसायिक तौर पर होता है, जहां 90 प्रतिशत उत्पादन अलग-अलग पोल्ट्री फार्म और कंपनियों के जरिए किया जाता है।
चिरनेर में बर्ड फ्लू (Bird Flu) की आशंका
रायगढ़ जिले के चिरनेर इलाके में बर्ड फ्लू की जानकारी सामने आई है। इसके बाद जिला प्रशासन ने 1 किमी तक के इलाके को बाधित क्षेत्र घोषित कर दिया है। चिरनेर में 1 हजार 18 मुर्गियों, 166 अंडों,270 किलो खाद्य पदार्थों और 50 किलो चावल को नष्ट किया गया है।