Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

Birthday Special: अचानक कैसे बदल गई नवाजुद्दीन सिद्दीकी की किस्मत

Birthday Special: How suddenly Nawazuddin Siddiqui's fate changed

Birthday Special: How suddenly Nawazuddin Siddiqui's fate changed

बॉलीवुड एक ऐसी दुनिया है जहां बाहर से जितना अच्छा लगता हैं वहीं अंदर से ये खोखला कर देता हैं। इसमें लंबे समय तक अपने पैर टिका कर रखना आसान नहीं। हास तौर पर तब जब आपके  सिक्स पैक एब्स ना हों, हैंडसम सी शक्ल ना हो लेकिन हीरो होने के इन सभी सामाजिक मापदंडों को तोड़ते हुए नवाजुद्दीन (Nawazuddin Siddiqui) ने इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने ये साबित कर दिया कि पर्दे पर दिखावे से ज्यादा हुनर की जरूरत होती है।

आज वे अपना जन्मदिन मना रहें हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) उत्तर प्रदेश के शहर मुजफ्फरनगर के कस्बे बुढ़ाना में पैदा हुए। उनका जन्म 19 मई 1974 को हुआ था। उनके पिता किसान हुआ करते थे और उनके सात भाई और दो बहनें हैं। आप को जान कर हैरानी होगी कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी के परिवार में किसी का भी एक्टिंग से कोई नाता नहीं था। लेकिन कहते हैं ना, आपकी किस्मत में जो है वो आपको मिलकर ही रहेगा।

‘खतरों के खिलाड़ी 11′ के पहले एलिमिनेशन में बाहर हुआ ये कंटेस्टेंट

नवाजुद्दीन (Nawazuddin Siddiqui) ने गुरूकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी, हरिद्वार, उतराखंड से साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे केमिस्‍ट के तौर पर एक पेट्रोकेमिकल कंपनी में काम करने लगे। लेकिन नवाजुद्दीन (Nawazuddin Siddiqui) को 9 से 5 की ये जॉब रास नहीं आई. लिहाजा, नवाज निकल पड़े अपनी मंजिल तलाशने।  साल 1996 में उन्होंने दिल्ली में दस्तक दी और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया। कोर्स पूरा होने के बाद नवाज पहुंच गए सपनों की नगरी यानी मुंबई।

जिसके बाद उनके पिता ने उनका साथ नहीं दिया। फिल्मों में आने के बाद भी नवाज ने वेटर, चोर और मुखबिर जैसी छोटी- छोटी भूमिकाओं को करने में भी कोई शर्म महसूस नहीं की। एक्टर ने ‘शूल’, ‘मुन्ना भाई MBBS’ और ‘सरफरोश’ जैसी फिल्मों में ये छोटे-छोटे किरदार निभाए। एक इंटरव्यू में नवाजुद्दीन ने बताया था कि जब संघर्ष के दौर में वह फिल्मों में छोटे-मोटे रोल कर रहे थे, उनके पिता निराश थे। एक बार तो इतने निराश हुए कि उन्होंने साफ कह दिया कि तुम घर मत आना, तुम्हारे कारण हमें शर्मिंदगी उठानी पड़ती है।

 

 

Exit mobile version