समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि भाजपा सरकार कुछ अमीर मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि कानून लाई है।
इसके खिलाफ हो रहे विरोध के कारण भाजपा कार्यकर्ता खुद जनता के बीच जाने का साहस नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भारत का राजनीतिक नेतृत्व इतना बंजर कभी न था।
इसके पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि जिस तरीके से दिल्ली के आसपास अपना सब कुछ छोड़कर किसान धरने पर बैठे हैं, उन्होंने देश को जगाने का काम किया है और सरकार को एमएसपी के बारे में सोचने पर मजबूर किया है। यदि सरकार वास्तव में किसानों की हितैषी तो ऐसा एमएसपी लागू करे जिससे हकीकत में किसानों की आय दोगुनी हो सके। यह तीन कानून जो सरकार लाई है, यह किसानों के लिए डेथ वारंट साबित होंगे, इसलिए सपा इसका विरोध कर रही है।
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उन्होंने कहा कि बिना किसी की परवाह किए, बिना किसी बहस के, बिना किसी चर्चा के जिस तरह से भाजपा ने यह कानून पास किया, उससे यह दिखाई देता है कि सीधा-सीधा कारपोरेट हाउस को लाभ पहुंचाने के लिए भाजपा कार्य कर रही है और किसान को बाजार में छोड़ने का काम कर रही है।
किसानों को बाजार के हाल पर छोड़ देंगे तो कभी भी किसान को लाभ नहीं मिल सकता। समझौता पहले होगा, रेट देने की व्यवस्था खत्म हो जाएगी, जिससे करार होगा वह रेट देगा कि नहीं इसकी भी गारंटी नहीं है। उसके बाद किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार भी भाजपा ने छीन लिया। समझौता तोड़ने पर किसान कोर्ट में भी नहीं जा सकता।