पटना। कांग्रेस नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र सरकार और बिहार सरकार पर कृषि विधेयकों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी और नीतीश बाबू कसम किसानों की खाते हैं और दोस्ती मुट्ठीभर पूंजीपतियों से निभाते हैं।
सुरजेवाला कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि तीन काले कानून के माध्यम से हरितक्रांति को हराने की यह भाजपा की साजिश है।
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उन्होंने कहा कि आज देशभर में 62 करोड़ किसान, मजदूर और 250 से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जदयू सरकार देश को बरगला रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने खेती को बर्बाद करना शुरू किया। आज पूरी तरह से तबाह कर दिया है। सुरजेवाला ने कहा कि देश में कोरोना, सीमा पर चीन और खेती पर मोदी सरकार हमलावर है। किसान विरोधी यह तर्जरुबा नीतीश बाबू के नेतृत्व में साल 2006 में बिहार में प्रारंभ किया गया था।
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रणदीप सुरजेवाला ने सवालिया लहजे में कहा कि अगर अनाज मंडी, सब्जी मंडी व्यवस्था यानी एपीएमसी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। तब कृषि उपज खरीद प्रणाली भी पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। ऐसे में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे मिलेगा, कहां मिलेगा और कौन देगा?
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उन्होंने कहा कि ये तीनों अध्यादेश संघीय ढांचे पर सीधे-सीधे हमला हैं। खेती और मंडियां संविधान के सातवें शिड्यूल प्रांतीय अधिकारों के क्षेत्र में आते हैं, लेकिन मोदी सरकार ने प्रांतों से राय लेना तक उचित नहीं समझा। खेती का संरक्षण और प्रोत्साहन स्वभाविक तौरे से प्रातों का विषय है, लेकिन उनकी कोई राय नहीं ली गई।