राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गुरूवार को कहा कि अपनी तकदीर का विधाता किसान आज अपनी जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहा है।
श्री चौधरी ने मोर्गरा में आयोजित किसान पंचायत को संबोधित करते हुये कहा कि देश में किसान को खालिस्तानी, उपद्रवी कहकर अपमानित किया जा रहा है। ऐसा आजाद भारत के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। चौधरी चरण सिंह गरीब, गांव और किसान की बात करते भी थे और उनके लिए नीतिगत कार्य भी करते थे। उन्होंने नारा दिया था कि देश की खुशहाली का रास्ता गांव के खेत और खलिहानो से होकर गुजरता है।
उन्होने कहा “ अंग्रेजों की ‘फूट डालो राज करो’ की नीति पर आज मोदी सरकार काम कर रही है। पहले कहा कि यह किसानों का आंदोलन नहीं खालिस्तानियों का आंदोलन है, अब कह रहे है यह तो सिर्फ जाटों का मसला है जाटों को ठीक करना है। हम कह रहे है यह किसान की बात है और वह इसमें एक जाति को लेकर आ रहे है।”
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रालोद नेता ने कहा कि देश का किसान आज अपनी खोई हुई ताकत और पहचान को वापस लाना चाहता है। इसी बात को दिल में बैठा कर निश्चय के साथ किसान आज निकल पड़ा है। भाजपा को यही खौफ आज सता रहा है कि अगर किसान संगठित हो गया तो इनकी राजनीतिक रोटियां नहीं सिकेंगी। यह लड़ाई बहुत बड़ी है और किसानों को अपनी एकता बनाए रखनी होगी।
उन्होने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों काले कृषि कानूनों को किसानों ने सिरे से खारिज कर दिया है।
आज किसान अपनी जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। पराली जलाने पर किसानों को जेल और जुर्माना लगाने वाली यह सरकार कभी किसानों की शुभचिंतक नहीं हो सकती। तीन साल से योगी सरकार ने गन्ने का भाव नहीं बढ़ाया जो किसानों की मेहनत का अपमान है।
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श्री चौधरी ने कहा कि किसान आंदोलन आज राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गया है। बिना किसी बंदोबस्त के बड़ी-बड़ी किसान पंचायत हो रही है और किसान कह रहे कि हम एकजुट हैं। श्री मोदी कहते थे किसानों की आय दुगनी होगी लेकिन उनका मतलब था किसानों से हमारी आय दुगनी होगी। भाजपा सरकार ने किसानों के लिए जो कील बिछाई है वहीं कीले इनको सत्ता के रास्ते से रोकने के लिए किसानों को बिछानी है।