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भाजपा सरकार ने सेना के तीनों अंगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई : राजनाथ

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने की जानकारी देते हुये कहा है कि अब योग्यता के आधार पर महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन दिए जाने की व्यवस्था बनायी गयी है।

सिंह ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के झांसी में प्रथम स्वाधीनता संग्राम की नायक महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती के अवसर पर रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ के उद्घाटन समारोह में यह घोषणा की। सिंह ने कहा कि सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने की व्यवस्था को लागू करने के लिये वीरांगना लक्ष्मीबाई जयंती सर्वाधिक उपयुक्त अवसर है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। रानी लक्ष्मीबाई जयंती (19 नवंबर) के अवसर पर रक्षा मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलकर झांसी में तीन दिवसीय ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ का आयोजन किया है। इस पर्व के समापन समारोह में 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। इस माैके पर मोदी झांसी में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर का उद्घाटन करेंगे।

उन्होंने कहा, “पिछली सरकारों में महिलायें सेना में स्थायी कमीशन की मांग कर रही थीं। सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया गया है। अब योग्यता और मेरिट के आधार पर महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन दिए जाने की व्यवस्था बनी है।”

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सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र के पुणे में स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में भी महिलाओं के लिए दरवाजे खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि सेना में महिलाओं के लिए सीमित अवसरों को अब बहुत व्यापकता प्रदान की गयी। रक्षा मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ने सेना के तीनों अंगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। सैनिक स्कूलों में बच्चों काे को-एडमिशन भी दिया जा रहा है।”

सिंह ने कहा कि डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर से बुंदेलखंड की रोजगार संबंधी जरूरतें पूरी होंगी साथ ही देश की रक्षा उपकरणों की जरूरतें भी पूरी होंगी। सिंह ने कहा, “एक समय ऐसा था, जब देश में 65 से 70 फीसदी रक्षा साम्रगी आयात होती थी। आज तस्वीर बदल गई है। हमने तय किया है, चाहे स्थिति कैसी भी हो, 64 फीसदी तक दुनिया के दूसरे देशों से आयात नहीं करेंगे। भारत की धरती पर बने रक्षा साम्रगियों का इस्तेमाल होगा।”

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व जहां हमें देश की गौरव गाथा से जोड़ता है वहीं, देश की स्वाधीनता के लिए हुए संग्रामों से भी जोड़ता है। यह पर्व भारत की आजादी के अमृत महोत्सव से भी जुड़ा हुआ है।” उन्होंने कहा कि झांसी की इस वीर भूमि पर आयोजित यह राष्ट्ररक्षा समर्पण पर्व देश की रक्षा के प्रति हमारे संकल्प और समर्पण के साथ-साथ भारतवासियों के शौर्य, पराक्रम, त्याग और बलिदान की अद्भुत परंपरा का उत्सव है।

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इस अवसर पर योगी ने कहा कि झांसी की जब चर्चा होती है तो भारत के शौर्य, पराक्रम, वीर और वीरांगनाओं की धरती के रूप में झांसी की पहचान होती है। उन्होंने कहा, “राष्ट्ररक्षा हम सबका मूल धर्म है। राष्ट्रधर्म ही हमारा धर्म है। इस धर्म का पालन करके ही हम न केवल वर्तमान को बल्कि आने वाले भविष्य को भी सुरक्षित रख सकते हैं।”

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