समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा के शासन में आम नागरिकों के अधिकार छीने जाने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि भाजपा ने गरीब किसानों का वोट लिया है तो नये कृषि कानूनों को लेकर उनकी बात भी सुने। इसके साथ ही उन्होंने 8 दिसंबर को होने वाले ‘ भारत बंद’ का पूर्ण समर्थन किया है।
अखिलेश यादव ने डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर सपा राज्य मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अम्बेडकर का रास्ता कठिनाइयों से भरा था फिर भी उन्होंने गरीब और दलित को सम्मान दिलाया। उन्होंने कहा कि संविधान में सबको वोट का अधिकार दिया, जिससे जिनको अछूत माना जाता था उन्हें भी बराबरी और सुरक्षा की गारंटी मिली है।
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इसके साथ उन्होंने कहा ‘आज जो माहौल है उसमें नागरिकों के अधिकार छीने जा रहे हैं। अन्नदाता के साथ खिलवाड़ हो रहा है। ठंड के दिनों में भी किसान दिल्ली सीमा पर जमे हैं। गरीबों-किसानों का भाजपा ने वोट लिया है तो वह उनकी बात भी सुने, लेकिन विडम्बना है कि भाजपा तो उद्योगपतियों को ही मौका देना चाहती है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ‘आज मुद्दों पर चुनाव नहीं हो रहे हैं। भाजपा की राजनीति से दलितों, पिछड़ों को आगे आने का मौका नहीं मिलेगा। नौकरी और पढ़ाई में भी बाधा आएगी।
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केंद्र सरकार के कृषि बिल के विरोध में जहां देशभर के किसान आन्दोलन कर रहे हैं और दिल्ली बॉर्डर पर 11 दिनों से डटे हैं, अब इस आन्दोलन को सभी विपक्षी दलों का समर्थन मिल रहा है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार से किसानों के समर्थन में पदयात्रा का ऐलान किया है।
किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी की प्रदेशव्यापी किसान पदयात्रा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से शुरू करेंगे। सपा अध्यक्ष ने पदयात्रा का ऐलान करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी किसानों की मांगों का समर्थन करती है। सरकार तीनों किसान विरोधी कानून वापस ले। जब तक यह कानून वापस नहीं होता तब तक पार्टी पूरे प्रदेश में लगातार पदयात्रा आयोजित करेगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है।
सरकार को मंडियों को सुधारना चाहिए था। किसानों को पता नहीं था कि ये कानून लागू हो जायेगा और बड़े-बड़े आदमी किसान बन जाएंगे। सोमवार को हर जिले में लगातार किसान यात्रा चलेगी। प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी ठठिया से तिरवा तक किसान यात्रा निकाले जाएंगे।