लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विधान परिषद स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन के लिये शनिवार को होने वाले मतदान में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता बने रहने पर संदेह जताते हुए देश के मुख्य चुनाव आयुक्त से इस दिशा में विशेष प्रबंध करने की मांग की है।
सपा की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार अखिलेश ने कहा है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दूसरे भाजपा नेता विधान परिषद की सभी सीटें जीत लेने के बयान दे रहे हैं, उससे सरकार की मंशा पर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है। उन्हाेंने कहा कि भाजपा ने पिछले साल पंचायत चुनाव में जिस तानाशाही से विपक्ष के नामांकन पत्रों की लूट की, उससे यह बात स्पष्ट हो गई कि भाजपा का लोकतंत्र और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन में तनिक भी विश्वास नहीं है।
उन्होंने दलील दी कि स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद चुनाव में भी भाजपा सरकार के दबाव में निर्विरोध चुनाव का नाटक किया गया है। इन घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में यह निष्कर्ष स्वतः निकलता है कि भाजपा सरकार इस चुनाव में भी धांधली से बाज नहीं आयेगी और वह विधान परिषद में जबरन बहुमत बनाने की साजिश कर रही है।
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गौरतलब है कि विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा निर्वाचित होने वाली 36 सीटों के लिये शनिवार को सुबह आठ बजे से सायं चार बजे तक मतदान होगा। इसके बाद 12 अप्रैल काे मतगणना होगी।
अखिलेश ने कहा कि यह बात तो अब दिन के उजाले की तरह स्पष्ट हो गई है कि भाजपा सरकार को निर्वाचित संस्थाओं में अपना बहुमत बनाने के लिए प्रशासन का दुरुपयोग करने में जरा भी संकोच नहीं है। अधिकारियों के माध्यम से ग्राम प्रधानों, बीडीसी तथा अन्य मतदाताओं को डरा-धमका कर तथा प्रलोभन देकर भाजपा सरकार अब विपक्ष मुक्त और अपना एकाधिकारी शासन उत्तर प्रदेश पर लादना चाहती है।
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उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए भाजपा का यह आचरण खतरे की घंटी है। अखिलेश ने उम्मीद जतायी कि लोकतंत्र की पवित्रता एवं स्वतंत्र निष्पक्ष मतदान के लिए निर्वाचन आयोग अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए कल होने वाले मतदान में सत्तापक्ष को कोई धांधली नहीं करने देगा।