यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सन् 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव चुनौती और सम्भावना दोनों हैं। यह सामान्य चुनाव नहीं है, भविष्य का भी चुनाव है।
भाजपा की भय और भ्रम की राजनीति से लोकतंत्र की सुरक्षा करनी होगी। इसमें समाज के प्रबुद्ध नागरिकों की ऐतिहासिक जिम्मेदारी है। समाजवादी विचारधारा को सशक्त बनाकर ही भाजपा की साजिशों से मुकाबला किया जा सकता है।
अखिलेश शुक्रवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय में शिक्षाविद, कलाकार अध्यापक व अन्य प्रबुद्ध वर्ग के लोगों से बात कर रहे थे। श्री यादव ने चेताया कि भाजपा समाज के लिए खतरनाक है। वह सामंतवादी व्यवस्था की पुनरावृत्ति कर रही है। नफरत फैलाकर समाज के बीच विद्वेष पैदा करने में भाजपा लगी है। धनबल से सत्ता का दुरूपयोग हो रहा है। भाजपा राज में समाज में असुरक्षा की भावना क्यों है?
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श्री यादव ने कहा कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है। भाजपा सरकार में बोलने की आजादी छीनी जा रही है। लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। सत्ता चंद हाथों में केन्द्रित की जा रही है। किसान को उसके खेतों के स्वामित्व से वंचित कर चंद पूंजीघरानों के हाथों में लीज पर सौंपने का षडयंत्र चल रहा है। किसान को न तो फसल का लाभप्रद मूल्य मिल रहा है नहीं गन्ना किसानों का बकाया भुगतान हो रहा है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा मुख्य मुद्दों से भटकाना जानती है। गरीबों के हितों का उसे ख्याल नहीं। गांवों की उपेक्षा हो रही है। बुनकरों पर मंहगी बिजली की मार पड़ रही है। नोटबंदी-जीएसटी ने व्यापार धंधा चौपट कर दिया है। भाषा स्तर पर भी भाजपा का रवैया विभेदकारी है। श्रमिकों के अधिकारों में कटौती की जा रही है।