उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भाजपा सरकार द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन पर प्रहार करते हुए कहा कि महीनों से दिल्ली की सीमा पर अन्नदाता कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कई किसान शहीद हो चुके हैं, लेकिन किसानों की शहादत पर शोक संवेदना का एक शब्द न व्यक्त करने वाली भाजपा सरकार अब फर्जी किसानों की भीड़ जुटाकर किसान सम्मेलन कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि गन्ना किसानों के 18000 करोड़ रुपये निजी व सहकारी चीनी मिलो पर बकाया हैं। भुगतान न होने से आर्थिक तंगी की मार झेलने को विवश कितने गन्ना किसानों की आत्महत्या को उत्तर प्रदेश व देश ने देखा है। किसानों की आय दोगुनी करने वाली भाजपा के शासन में उपज की लागत जरूर दोगुनी हो गई है।
किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज दर 4 प्रतिशत से बढाकर 7 प्रतिशत कर देने से किसानों की कमर बुरी तरह टूट गयी है। केंद्र की सत्ता में आते ही भाजपा ने जून 2014 में किसानों को संरक्षण देने के लिये कांग्रेस सरकार द्वारा लाये गये भूमि अधिग्रहण बिल को समाप्त करने की कोशिश की, एमएसपी पर राज्य सरकारों से मिलने वाला बोनस बंद कर दिया।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में गेंहू आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क था, भाजपा सरकार ने उसे शून्य कर दिया। उत्तर प्रदेश में मेंथा पर 1.5 प्रतिशत मंडी शुल्क व 12 प्रतिशत जीएसटी है। भाजपा सरकार यूरोपियन कम्पनी बीएसएफ के मेंथा उत्पाद पर शून्य जीएसटी लेकर देशी किसानों को बर्बाद करने के रास्ते बना रही है।
उन्होंने कहा कि यह वही भाजपा व उसकी सरकार है, जिसने पूर्व में किसानों को मवाली, आतंकवादी और खालिस्तानी कहकर उनका अपमान करते हुए झूठी धाराओं में फर्जी मुकदमा दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित करने में कोई कसर नही छोड़ी थी। उसका अब किसान सम्मेलन करना यह साबित करता है कि वह किसानों के भले में काम करने के स्थान पर सिर्फ कोरी बयानबाजी के लिए अपने कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाकर उन्हें किसान बताने का षड्यंत्र रच रही है।