उत्तर प्रदेश का सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवार माने जाने वाला मुलायम कुनबा बिखरता चला जा रहा है। दरअसल यूपी पंचायत चुनाव के लिए जिला पंचायत सदस्य के रूप में भाजपा ने मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव को टिकट देकर एक बार फिर सैफई कुनबे में सेंध लगा दी है। भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य की प्रत्याशियों की सूची जारी की है जिसमें मुलायम सिंह यादव की भतीजी को 18 नंबर वार्ड से प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा की सूची में संध्या यादव का नाम आते ही एक बार फिर से मुलायम कुनबे में फूट की तस्वीर दिखाई दे रही है।
संध्या यादव मैनपुरी की निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भतीजी और बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बड़ी बहन हैं। संध्या यादव को 2016 में सपा ने टिकट देकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया था, लेकिन चाचा भतीजे के झगड़े में वह राजनीति का शिकार हुईं और जिला पंचायत अध्यक्ष का पद डगमगाते देख भाजपा का सहारा लिया और भाजपा ने संध्या को टिकट देकर एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।
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संध्या यादव ने जिस वक्त भाजपा का दामन साधा था उस वक्त बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने पत्र जारी कर कर संबंधों का विच्छेदन कर दिया था। रिश्तो में खटास आई जिसके बाद से भाई बहन की दूरियां बढ़ गईं। सूत्र बताते हैं कि उस वक्त से लेकर अब तक धर्मेंद्र यादव और संध्या यादव के बीच बातचीत भी बंद है।
साफ है कि कभी सत्ता के शिखर पर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले सैफई कुनबे में दरारें पड़ती नजर आ रही हैं। पहले चाचा भतीजे के रिश्तों में खटास हुई तो अब मुलायम सिंह यादव भतीजी संध्या यादव भी अलग रास्ता अपना लिया है। साफ है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव ने भाजपा का दामन थाम लिया है और उन्होंने घिरोर के जिला पंचायत वार्ड नंबर 18 से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
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समाजवादी पार्टी भले ही विपक्ष में हो, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी से लड़ने से पहले समाजवादी पार्टी को अपने परिजनों और रिश्तेदारों से ही लड़ना पड़ रहा है। दरअसल कभी सैफई परिवार का राजनीति में डंका बजता था, लेकिन अब आपस में ही नूरा कुश्ती चल रही है। भाजपा ने संध्या यादव को टिकट देकर सैफई कुनबे में एक बार फिर सेंध लगा दी है।