लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निवेश के नाम पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दावा किया कि मंत्रियों और अधिकारियों की विदेश यात्रा के दौरान सिर्फ कागजी एमओयू ही बटोरे जा सके हैं।
श्री यादव (Akhilesh Yadav) ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार निवेश के नाम पर प्रदेश की जनता को गुमराह न करे। पूरा राज्य मंत्रिमण्डल और आला अफसर पिछले दिनों विदेशों में निवेश के लिए रोड-शो में व्यस्त रहे हैं, मगर अब तक सिर्फ कागजी एमओयू ही बटोरे जा सके हैं।
उन्होने कहा कि वैसे भी भाजपा सरकार का इस मामले में पिछला ट्रैक रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है। पिछले पांच वर्षो में निवेश के लिए कई इन्वेस्टमेंट समिट हुई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है। न कहीं उद्योग लगे, न युवाओं को रोजगार मिला। भाजपा सब्जबाग तो खूब दिखा रही है पर जमीन पर कुछ नज़र नहीं आया। भाजपा वादा तो खूब करती है पर निभाती नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया था, किसानों की आय अभी तक दुगनी तो क्या हुई, उनका रहा-सहा जीवन भी संकटग्रस्त हो चुका है। भाजपा सरकार की जब सार्वजनिक किरकिरी होने लगी तो अब वह किसानों की आय दोगुनी करने के वादे को निभाने का ठेका फ्रांस की एक कम्पनी से करार करने जा रही है।
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उन्होने कहा कि भाजपा सरकार ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए किसानों की आय दोगुनी करवाने के लिए किसान कनेक्ट प्लेटफार्म इनोटरा की स्थापना के लिए फ्रांस की इनोटेरा एजी के सीईओ पासकल कोहेन के साथ एमओयू साइन किया है। यह कम्पनी किसानों की आय दुगनी करने के लिए अपने प्लेटफार्म की स्थापना प्रदेश में करेगी।
श्री यादव ने कहा कि जबानी जमा खर्च में अव्वल भाजपा सरकार जैसी कोई सरकार नहीं देखी गई है। विदेश से पूंजीनिवेश एक धेला भी नहीं आया है। केवल अखबारों में ही नाप तौल हो रही है। थोड़ा बहुत आ भी गया तो क्या गारन्टी है कि उस पर अमल भी हो पाएगा। भाजपा सरकार के मंत्री और अधिकारी विदेश यात्रा पर पता नहीं क्यों गये। भाजपा ऐसा ढिंढोरा पीट रही है जैसे कि उत्तर प्रदेश का पूरा विकास हो गया हो।
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हुए पूंजीनिवेश समिट के बारे में भाजपा सरकार से लगातार श्वेतपत्र प्रकाशित किये जाने की मांग की जा रही थी। भाजपा सरकार को यह तो बताना ही चाहिए कि पिछले पूंजीनिवेश समिट में उत्तर प्रदेश में कितना पूंजीनिवेश हुआ और कितनों को रोजगार मिला। सच तो यह है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में अभी तक एक भी रूपये का काम नहीं हुआ और न ही जमीन पर एक भी उद्योग लगा दिखाई दे रहा हैै। समाजवादी पार्टी की मांग है कि निवेश की वास्तविक रिपोर्ट आगामी विधानसभा सत्र के अवसर पर सदन के पटल पर रखें।
सपा की सरकार में राजधानी लखनऊ में आईटी सिटी, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम, मेट्रो रेल, मेदांता अस्पताल, अमूल मिल्क प्लांट, नोएडा में सैमसंग मोबाइल प्लांट, जैसे तमाम निवेश हुए जो जमीन पर दिखाई दे रहे है। भाजपा को प्रदेश के विकास में कोई रुचि नहीं है। उत्तर प्रदेश की आज जो बदहाली है उसकी दोषी भाजपा सरकार ही है।