गाजीपुर। यूपी के गाजीपुर से पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी बीजेपी विधायक अलका राय ने रविवार को कांग्रेस और प्रियंका गांधी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने मुख्तार अंसारी को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि मुख्तार अंसारी पर कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप है और वह पंजाब के रोपड़ जेल में बंद है। रविवार को एक वीडियो में अलका राय ने कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार ने याचिका दायर की थी कि मुख्तार को पंजाब जेल से यूपी लाया जाए। इसका नोटिस लेते हुए गाजीपुर पुलिस गई थी वहां के अधिकारियों ने इसे स्वीकार नहीं किया। वहां की कांग्रेस सरकार और प्रियंका गांधी से निवेदन कर रही हूं कि ऐसे खूंखार अपराधियों को बचाने की कोशिश न की जाए उनको वहां से भेजा जाए ताकि कोर्ट में जो मुकदमा चल रहा है उसमें न्याय मिल सके।
कृष्णानंद राय की विधवा और विधायक अलका राय ने कांग्रेस और प्रियंका वाड्रा पर किया बड़ा हमला, कहा मुख्तार जैसे खूंखार अपराधी को क्यूं बचा रही हैं, उसको यूपी भेजिए-
इससे पूर्व भी प्रियंका वाड्रा को मुख्तार की मदद ना करने के लिए चिट्ठी लिख चुकी हैं अलका राय.. pic.twitter.com/9NEG6bHEMj
— Gaurav Singh Sengar (@sengarlive) January 10, 2021
मुख्तार अंसारी को 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले यूपी की बांदा जेल से पंजाब की रोपड़ जेल भेज दिया गया था। तभी से वह वहां बंद है। उसके खिलाफ गाजीपुर में कई मामले चल रहे हैं। इन्हीं में पेशी के लिए मुख्तार अंसारी का प्रोडक्शन वारंट जारी कराया गया, लेकिन हर बार रोपड़ जेल प्रशासन की तरफ से मुख्तार के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया जाता।
योगी सरकार की मुख्तार और उसके गिरोह के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी
बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पिछले कुछ महीनों में मुख्तार अंसारी के गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। मुख्तार अंसारी हों या उसके नाम पर अवैध धंधे करने वाले गुर्गे, सभी के खिलाफ कार्रवाई जारी है। अब तक लखनऊ से लेकर मऊ और गाजीपुर में करोड़ों की संपत्तियां बुलडोजर से ध्वस्त की जा चुकी है। इसी क्रम में योगी सरकार मुख्तार को किसी भी तरह यूपी लाने की कोशिश में जुटी है, लेकिन कई बार प्रोडक्शन वारंट लेकर पंजाब गई गाजीपुर और आजमगढ़ पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा है।
बता दें कि गाजीपुर में फर्जी दस्तावेजों पर असलहे का लाइसेंस लेने के मामले में मुख्तार अंसारी को प्रयागराज स्पेशल कोर्ट में पेश होना था। वहीं आजमगढ़ में दर्ज आपराधिक मामले में सेशन कोर्ट ने तलब किया था, लेकिन हर बार रोपड़ जेल प्रशासन की तरफ से मेडिकल रिपोर्ट दिखाकर मुख्तार को यूपी पुलिस को नहीं सौंपा गया।