लखनऊ। यूपी भाजपा में संकट थमता नहीं दिख रहा है। गुरुवार को अब तक 8वें भाजपा का इस्तीफा आ गया है। औरया से बिधूना विधायक विनय शाक्य ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को ही विनय शाक्य ने भाजपा से जाने का ऐलान किया था। विधायक ने कहा कि स्वामी प्रसाद जहां कहेंगे वहां जाएंगे।
विनय शाक्य गुरुवार को स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी मां के साथ स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात की। विनय शाक्य ने कहा कि बीजेपी में न तो काम हो रहा था और न ही सम्मान मिल रहा था।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे गए चिट्ठी में शाक्य ने लिखा है कि प्रदेश सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जों नहीं दी गई और न उन्हें उचित सम्मान दिया गया।
इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा ही दलितों, पिछड़ों, किसानों व बेरोजगारों नौजवानों और छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की भी घोर उपेक्षा की गई है। प्रदेश सरकार के ऐसे कूटनीतिपरक रवैये के कारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। स्वामी प्रसाद मौर्य शोषितों और पीड़ितों की आवाज हैं। वे हमारे नेता हैं, मैं उनके साथ हूं।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (up Election 2022) की तारीखों के ऐलान के बाद बीजेपी को पिछले 2 दिन में एक के बाद एक कर कई बड़े झटके लगे। इसी कड़ी में बुधवार को ओबीसी नेता दारा सिंह चौहान ने योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। दारा सिंह पिछले 2 दिन में इस्तीफा देने वाले 6वें नेता हैं। हालांकि, इस दौरान एक कांग्रेस विधायक और एक सपा विधायक बीजेपी में शामिल भी हुए हैं।