पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ आज पार्टी सड़कों पर उतर आई है। राजधानी कोलकाता में जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस वजह से विद्यागसागर सेतु और हावड़ा ब्रिज को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। किसी भी तरफ से कोई भी गाड़ी ने आ सकती है और न ही जा सकती है।
प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। इसके साथ ही वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया है। दरअसल, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। ऐलान किया गया कि यहां मत इकट्ठा होइए। इसके बाद कुछ कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया है। कई बीजेपी नेता घायल हुए हैं।
#WATCH West Bengal: Police use water cannon & lathi-charge to disperse Bharatiya Janata Party (BJP) workers who are protesting at Howrah Bridge.
BJP has launched a state-wide ‘Nabanna Chalo’ agitation march today to protest against the alleged killing of its party workers. pic.twitter.com/dpPoqT8DlG
— ANI (@ANI) October 8, 2020
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बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार डरती है, इसलिए विरोध के बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों को भी नकार रही है। राज्य सचिवालय बंद है। जहां तक मोदी जी या बीजेपी की बात है तो हमें टीएमसी या ममता बनर्जी से किसी भी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है।
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने लोकसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी कह रही थीं कि बीजेपी को जीरो मिलेगा, लेकिन हमें 18 सीटें मिलीं। हम आने वाले विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत से जीतेंगे। उन्होंने कहा कि आज का विरोध शांतिपूर्ण होगा और हम इसे सुनिश्चित करेंगे।
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गौरतलब है कि बीजेपी के प्रदर्शन को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने सचिवालय नाबन्ना को दो दिनों के लिए बंद करने का फैसला लिया गया है। हावड़ा में स्थित इस सचिवालय में 8 अक्टूबर और 9 अक्टूबर को सैनिटाइजेशन किया जाएगा। इस वजह से दो दिनों के लिए यहां कामकाज बंद रहेगा।
बीजेपी के प्रदर्शन से निपटने के लिए राज्य प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए है। नाबन्ना के आसपास वैसे ही धारा-144 लागू रहती है लेकिन बीजेपी के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन और भी सतर्क हो गया हो बीजेपी की रैली सचिवालय तक न पहुंच पाए इसके लिए नाबन्ना की ओर आ रहे रास्तों पर 5 डीआईजी स्तर के अधिकारी तैनात किए गए हैं।