Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

सावन में जरुर कराएंगे ये काम भोलेनाथ संग बरसेगी इस देवी की विशेष कृपा

Sawan

Sawan

सावन (Sawan) का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दौरान भंडारे का आयोजन करने से आपको भोलेनाथ के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा की भी विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है? सावन (Sawan) में जब भक्त शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तमाम अनुष्ठान करते हैं, तो अन्न का दान, विशेष रूप से भंडारे के रूप में, बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है और सीधे तौर पर मां अन्नपूर्णा से जुड़ा है।

कौन हैं मां अन्नपूर्णा?

मां अन्नपूर्णा देवी पार्वती का ही एक रूप हैं, जिन्हें अन्न और पोषण की देवी माना जाता है। धर्मग्रंथों के अनुसार, जब धरती पर अन्न की कमी हो गई थी, तब भगवान शिव ने स्वयं भिक्षु का रूप धारण कर देवी अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। तभी से मां अन्नपूर्णा को संसार का भरण-पोषण करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। उनकी कृपा से घर में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती है।

सावन (Sawan) में भंडारा और इसका महत्व

सावन (Sawan) मास में भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। भंडारा, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को भोजन कराया जाता है, महादान की श्रेणी में आता है। जब आप सावन में भंडारा आयोजित करते हैं, तो आप सिर्फ लोगों का पेट ही नहीं भरते, बल्कि धार्मिक दृष्टि से कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं:

भोलेनाथ की प्रसन्नता

भगवान शिव को भोजन और दान बहुत ही प्रिय है। मान्यता के अनुसार, सावन में भंडारा आयोजित करने से शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद

अन्नदान से सीधे तौर पर मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं। उनकी कृपा से आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परिवार के सदस्यों को रोग-दोष से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि जो व्यक्ति अन्न का दान करता है, उसके जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं आता।

पितरों को शांति

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भंडारे में भोजन करने वाले लोगों के आशीर्वाद से पितरों को भी शांति मिलती है। यह पितृ दोष को दूर करने का एक प्रभावी उपाय भी माना जाता है।

पुण्य की प्राप्ति

अन्नदान को सबसे बड़ा दान माना गया है। इससे व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, जिसका फल उसे इस लोक और परलोक दोनों में मिलता है।

समाज सेवा

धार्मिक महत्व के साथ-साथ भंडारा एक बड़ी समाज सेवा भी है। यह जरूरतमंदों को भोजन प्रदान कर उनकी भूख मिटाता है।

धार्मिक दृष्टिकोण से अन्नदान का महत्व

शास्त्रों में कहा गया है “अन्नं ब्रह्मेत्येव जानाति” अर्थात् अन्न को ही ब्रह्म समझना चाहिए। अन्नदान को श्रेष्ठतम दान माना गया है क्योंकि यह जीवन को सीधा प्रभावित करता है। यही कारण है कि सावन जैसे पुण्य महीने में अन्नदान का फल कई गुना अधिक माना जाता है।

Exit mobile version