उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बांग्लादेश से आए 16 रोहिंग्या मुसलमानों को फर्जी तरीके से नागरिकता देने का मामला उजागर होने पर दोषी बीएलओ (शिक्षक) को निलंबित कर दिया गया है।
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि लेखपाल की जांच में उक्त घुमंतू समुदाय के लोग बताए थे। बीएलओ प्रशांत कुमार द्वारा नियम विरुद्ध वोटर आईडी कार्ड बनाने के बाद ग्रामीणों की शिकायत पर कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं और उसे निलंबित कर दिया गया है।
मुरादाबाद के ब्लॉक भगतपुर टांडा इलाके में अवैध रूप से आये एक दर्जन से अधिक रोहिंग्या मुसलमानो के पहचान पत्र और वोटर लिस्ट में नाम आने के बाद हुई शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने बीएलओ को निलंबित करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।
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जिला प्रशासन के सामने रुस्तमपुर तिगरी निवासी मोहम्मद नाजिर और पीर बक्श ने लिखित में शिकायत दी थी कि लाकडाउन से 10 दिन पूर्व कुछ अजनबी लोग उनके गांव में आकर रहने लगे है जो पूर्व ग्राम प्रधान के यहाँ ठहरे हुए है, और कुछ दिन बाद ग्राम प्रधान ने इन लोगो के पहचान पत्र सहित कई नागरिकता प्रमाण पत्र भी अवैध रूप से बनवा दिए।
वोटिंग लिस्ट में जब इन लोगो का नाम सामने आया तो स्थानीय लोगो ने भी इसका विरोध करते हुए फिर से जिला प्रशासन के सामने मतदाता सूची समेत अन्य फर्जी प्रमाण पत्रों के साथ शिकायत की गई, जिसमें एसडीएम स्तर से जांच हुई तो मामला पूरी तरह से फर्जी पाया गया, और इसमें बीएलओ प्रशांत कुमार की भी भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस प्रकरण की जांच गम्भीरता से करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही का मूड बना लिया है।
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इस प्रकरण को प्रशासन के सामने उजागर करने वाले मोहम्मद नाजिर और पीर बक्श ने कहा कि ये बंगलादेशी रोहनगिया आज भी उन्ही के गांव में मौजूद है वो जिला प्रशासन और प्रदेश की योगी सरकार से मांग करते है कि ऐसे लोगो को अपने यहाँ शरण देने वाले और फर्जी नागरिकता देने में सहायता करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
इस चर्चित प्रकरण में बीएलओ को निलंबित करने वाले बीएसए योगेंद्र चौधरी ने बताया कि इस मामले में शिकायत के बाद एसडीएम स्तर से जांच हुई थी, जिसमे 16 फर्जी वोट बनाना पाया गया , जिसके बाद मुख्य विकास अधिकारी के आदेश के बाद अध्यापक (बीएलओ) प्रशांत को निलंबित कर दिया गया है।