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ब्रेस्टफीडिंग कराते समय आपके दूध से भी आता है खून, तो जाने इसकी वजह

breastfeeding

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स्‍तनपान कराना न्‍यू बोर्न बेबी के विकास के लिए सबसे आवश्‍यक खुराक होती है। इस वजह से बच्‍चा मानसिक और बौद्धिक तौर पर विकसित होता है। मां के दूध में बच्‍चें के विकास के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व होते है। परन्तु कभी कभी ऐसे मामले भी सामने आते हैं जब ब्रेस्ट मिल्क में कुछ असामान्यता नज़र आती है। ऐसी ही एक असामान्यता है ब्रेस्ट मिल्क में खून आना। ऐसा होने पर बहुत अधिक चिंता न करें।

यह सामान्य रूप से उन महिलाओं में पाया जाता है जो अपने पहले बच्चे को स्तनपान करवाती हैं। सामान्यत: ब्रेस्ट मिल्क में उपस्थित रक्त पर इतना ध्यान नहीं जाता क्योंकि यह बहुत ही कम मात्रा में आता है।

ऐसा देखा जाता है कि ब्रेस्ट मिल्क का रंग बदलता रहता है जैसे गुलाबी, नारंगी या भूरा। रंग में फर्क केवल तभी दिखता है जब आप दूध पम्प करती हैं या बच्चा दूध बाहर निकालता है। उस समय आप बहुत अधिक डर जाती हैं परन्तु घबराएं नहीं, यह बहुत आम बात है। यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें कि ऐसी स्थिति में आप अपने बच्चे को स्तनपान करवा सकती हैं अथवा नहीं। अधिकांश मामलों में आप अपने बच्चे के स्तनपान को जारी रख सकती हैं। उचित इलाज से आप मूल कारण तक पहुँच कर उसे ठीक कर सकती हैं ताकि आपको आराम महसूस हो। आइए जानते है कि क्‍यूं ब्रेस्‍टमिल्‍क कराते समय खून निकलने लगता है।

निप्पल में दरारें आना

अक्सर जब आप अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं, तो बार-बार चूसने के कारण इसमें दरारें पड़ जाती हैं। इस वजह से निप्‍पल्‍स में घाव हो जाते है। ऐसे में इस कारण से भी स्‍तनपान कराते समय निप्‍पल्‍स से खून निकलने लगता है।

इस वजह से महिलाओं को निप्‍पल्‍स में दर्द होता है जिसके कारण कई बार इनमें से खून भी आने लगता है।

रस्टी पाइप सिंड्रोम

रस्टी पाइप सिंड्रोम जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि रस्टी पाइप सिंड्रोम, रस्टी पाइप से आने वाले पानी के रंग के बदलने जैसा ही है। उसी प्रकार दूध का रंग भी भूरा या लाल हो जाता है। यह केवल तभी दिखाई देता है जब आप दूध पम्प करती हैं या बच्चा दूध निकालता है। यह केवल कुछ दिनों तक ही रहता है और पहले प्रसव के समय अक्सर यह समस्या देखी जाती है।

ब्रोकन या डेमेज्ड केपिलरीज़ (कोशिकाएं)

कभी कभी ब्रेस्ट में उपस्थित छोटी रक्त कोशिकाएं ख़राब हो जाते हैं या टूट जाती हैं। सामान्यत: यह तब होता है जब दूध की एक्स्प्रेसिंग की जाती हैं। एक्स्प्रेसिंग से तात्पर्य है बिना ब्रेस्टफीडिंग के पम्प द्वारा या हाथ की सहायता से दूध निकालना। अत: इस बात का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि दूध निकालते समय रक्त केशिकाओं को कोई नुकसान न पहुंचे।

इंट्राडक्टल पेपिलोमा

इंट्राडक्टल पेपिलोमा कई महिलाओं के दूध के कोशिकाओं की लाइनिंग में छोटा सा ट्यूमर हो जात है। इसके कारण ब्लीडिंग हो सकती है और यह प्रवाह ब्रेस्ट मिल्क में जाकर मिल जाता है। सामान्यत: आपके निप्पल के पीछे या उसके बगल में एक छोटी सी गांठ बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर डॉक्‍टर से जरुर मिले।

मस्तितिस

ये ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है। यह तब होता है जब बच्चा ठीक तरह से स्तन नहीं पकड़ता या बच्चा स्तनपान नहीं करता। ऐसे मामले में स्तनपान करवाते समय समय आपको खून मिला हुआ दूध दिख सकता है।

फिब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट

यह सामान्यत: 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में देखा जाता है। इसमें एक या दोनों ब्रेस्ट में गांठे बन जाती है। जिन महिलाओं ने 30 वर्ष की उम्र के बाद पहले बच्चे को जन्म दिया है उनके ब्रेस्ट मिल्क में खून आ सकता है। अच्छा होगा कि आप डॉक्टर से परामर्श करें।

ब्रेस्‍ट कैंसर

अगर स्‍तनपान कराते समय कभी कभार आपके ब्रेस्‍ट से खून की कुछ कतरें देखने को मिल जाती है तो कोई बात नहीं है। यह थोड़ा सामान्‍य है। अगर आपको लगातार ब्रेस्‍ट मिल्‍क में खून निकलने की समस्‍या हो रही है तो एक बार जाकर डॉक्‍टर से जांच जरुर कराएं, ये ब्रेस्‍ट कैंसर का संकेत है।

पगेट्स डिज़ीज़

ब्रेस्ट या निप्पल में होने वाली पगेट्स डिज़ीज़ बहुत ही असामान्य स्थिति है जो केवल 2 प्रतिशत महिलाओं में ही देखने को मिलती है। इस प्रकार की स्थिति में ब्रेस्ट मिल्क में खून आता है। यह बहुत ही दुर्लभ स्थिति होती है। ब्रेस्ट मिल्क में खून आने के ये कई कारण हैं। यदि इसके कारण आपको कोई असुविधा हो तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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