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रक्तपात समस्या का हल नहीं

Conflict with Israel and the Palestinians

Conflict with Israel and the Palestinians

इजराइली सेना के हमले में 42 लोगों की मौत हो गई। गाजा में जिस तरह इजराइली सेना हमले कर रही है, उससे तनाव  चरम पर है। सउदी अरब में इस्मालिक देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से थोड़ी उम्मीद थी लेकिन इस बैठक के नतीजे भी बहुत संतोषजनक नहीं रहे। 7 मई 2021 को अलविदा के रोज पूर्वी येरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद में, फिलिस्तीनी नमाजियों और इजरायली फौज के बीच जो झड़पें शुरु हुई थीं, लगातार की चेतावनियों के बावजूद भी उन्हें खूनी जंग बनने से नहीं रोका जा सका।

यूएन सहित दुनिया के कई देशों ने इजरायल और फिलिस्तीनियों से शांति बहाल करने की अपील की थी। लेकिन इन अपीलों का कोई खास फर्क नहीं पड़ा। 10 मई 2021 की देर रात फिलिस्तीनी चरमपंथियों ने येरु शलम पर कुछ रॉकेट दागे। जिन्होंने एक किस्म से इजरायली फौज को उकसाने का काम किया और उसने आनन फानन में  गाजापट्टी स्थित कई चरमपंथी ठिकानों पर हवाई हमले किये। इन हवाई हमलों के कारण बच्चों समेत 20 लोगों की मौत हो गई। इजरायली सेना का कहना है कि उसके हमलों में हमास के करपंथी मारे गये हैं, आम लोग नहीं। लेकिन इन आरोपों-प्रत्यारोपों से क्या होना है?

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फिलिस्तीन और इजरायल के बीच खूनी संघर्ष तो अब रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हो गया है। यूं तो हमेशा रमजान के मौके पर येरुशलम में तनाव रहता है, लेकिन इस साल यह तनाव कुछ ज्यादा ही है। लगातार झड़पें हो रही हैं जिसकी वजह यह है कि इजरायली फौज, फिलिस्तीनियों को अल अक्सा मस्जिद जाने से रोक रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों से फिलिस्तीनी नियमित रूप से यहां नमाज अदा करते रहे हैं, खासकर जुमा के दिन। लेकिन इस साल इजरायल बड़े सख्त प्रतिबंद थोप रहा है। यही वजह है कि इजरायली फौजों और आम फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष हो रहा है। दुनिया के सबसे प्रसिद्घ और पवित्र धार्मिक स्थलों में शुमार अल अक्सा मस्जिद में जब शुक्रवार 7 मई 2021 को नमाजी नमाज अदा कर रहे थे, तभी इजरायली सेना के जवान मस्जिद के अंदर घुस आये और उन्होंने रबर की गोलियों तथा वाटर कैनन के जरिये नमाजियों को इतर बितर करने की कोशिश की।

वैसे ये झड़पें शहर के शेख जर्राह इलाके से शुरु हुई् थीं और अल अक्सा तक पहुंच गई। इजरायली सेना की इस कार्यवाही में 180 फिलिस्तीनी घायल हो गए। द फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट इमरजेंसी सर्विस के मुताबिक घायलों में 18 की हालत गंभीर है। 6 इजरायली सैनिक भी घायल हैं और इनमें भी एक की हालत नाजुक है। दरअसल, येरु शलम विवादित क्षेत्र है, जो इजरायल के कब्जे में है और फिलिस्तीन इस पर अपना हक जताता रहा है। जिसके कारण दशकों से हिंसा जारी है।

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अब तक इस हिंसा में हजारों बेकसूर लोग मारे जा चुके हैं। इस घटना पर संयुक्त राष्ट संघ के अलावा दुनिया के अन्य देशों ने भी संज्ञान लिया और इजरायल व फिलिस्तीन से शांति बनाए रखने की अपील की। लेकिन इजरायल हमेशा की तरह दुनिया को ठेंगे पर रखने के अपने रवैय्ये पर कायम है। दुनिया के कई देशों ने उन जगहों पर निर्माण रोक देने की इजरायल से अपील की है जिन्हें फिलिस्तीनी अपनी धार्मिक आस्थाओं के ऐतिहासिक स्थल मानते हैं। लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। यहां तक कि ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने भी शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि ‘हिंसा, हिंसा को जन्म देती है। लेकिन इजरायल के कान में जूं नहीं रेंग रही।

फिलिस्तीनियों पर इजरायली सेना की बबर्रता जारी है और अल अक्सा मस्जिद इसका केंद्र बनी हुई है। मालूम हो कि करीब 35 एकड़ में फैली चांदी के गुंबद वाली अल अक्सा मस्जिद को अल-हरम अल-शरीफ भी कहा जाता है। इस्लाम धर्म में मक्का और मदीना के बाद यह तीसरा सबसे पवित्र धर्मस्थल है, जिसे यूनेस्को ने अपनी विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया हुआ है। साल 2016 में संयुक्त राष्ट की सांस्कृतिक शाखा यूनेस्को ने एक प्रस्ताव को पारित करते हुए कहा था कि येरुशलम में मौजूद ऐतिहासिक अल-अक्सा मस्जिद पर यहूदियों का कोई दावा नहीं है।

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यूनेस्को ने इस सम्बन्ध में अरबों के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि अल-अक्सा मस्जिद पर मुसलमानों का अधिकार है और यहूदियों से उसका कोई ऐतिहासिक संबंध नहीं है। लेकिन ताकत के दंभ में चूर इजरायल न तो किसी की बात मानने को तैयार है और न ही चरमपंथी मुस्लिम यह देख पा रहे हैं कि उनके द्वारा उकसाये जाने से किस तरह इजरायल बेकसूर मुस्लिमों का खून बहा रहा है।  यह सच है कि इतिहास में जो गलतियां हुई हैं, यह तनाव उसी की देन है लेकिन रक्तपात का यह खेल पूरी तरह बंद होना चाहिए। युद्ध वैसे भी किसी समस्या का निदान नहीं है। फलस्तीन को उसका हक मिलना चाहिए। इजराइल के साथ हुई ज्यादतियों का भी प्रायश्चित होनाचाहिए लेकिन जैसे भी हो, रक्तपात रोकाजाना चाहिए।

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