इंफाल। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मणिपुर में कई घरों में हवाई जहाजों से बम वर्षा की गई थी अब ऐसे कई घरों को सरकार द्वारा पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की गई है। इंफाल अभियान फाउंडेशन ने इंफाल में एक संग्रहालय स्थापित किया है। इसी फाउंडेशन के अध्यक्ष कहते हैं कि हमारी फाउंडेशन ने 16 ऐसी जगहों का खोज की है जिनको युद्धक्षेत्र कहा जा सकता है और कई ऐसी जगह भी हैं जिनमें अभी शोध की आवश्यकता है। वह आगे यह भी कहते हैं कि उनकी संस्थान ने हॉटस्पॉट की पहचान की है जो पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
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सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि हम मोरेंग में भारतीय राष्ट्रीय सेना साइट विकसित करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन जमीनों और मकानों में बम गिरे थे, वहां अब भी हम उन्हें खरीदने और संरक्षित करने की प्रक्रिया में हैं। इससे राज्य में पर्यटन को व्यापक बढ़ावा मिलेगा। केंद्र सरकार का ध्यान मुख्य रूप से रक्षा मंत्रालय का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा ताकि हम ऐतिहासिक युद्ध स्थलों को संरक्षित कर सकें और दूसरों का विकास कर सकें। मैं आधिकारिक तौर पर मंत्रालय को एक पत्र लिखूंगा।
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मणिपुर के सीमांत शहर मोरेंग में एक विद्युत उपकेंद्र के निर्माण के लिए खुदाई के दौरान बमों के 87 शेल बरामद हुए थे। इनके बारे में माना जाता है कि ये दूसरे विश्व युद्ध के समय के हैं। मजदूरों ने मोरेंग के चानोउ इलाके में खुदाई के दौरान ये बम पाए थे। माना जा रहा है कि ये बम दूसरे विश्वयुद्ध के काल के हैं, जब 1944 में जापानी सेना इलाके में आई थी।