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अमर दुबे की पत्नी का मुकदमा लड़ेगी ब्राह्मण महासभा, अध्यक्ष ने की परिजनों से मुलाकात

अमर दुबे की पत्नी

अमर दुबे की पत्नी

गैंगस्टर विकास दुबे के राइट हैंड माने जाने वाले अमर दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद अमर दुबे की पत्नी को पुलिस ने हत्याकांड की साजिश में शामिल होने का आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था। ऐसे में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने अमर दुबे की पत्नी के परिजनों से सोमवार को मुलाकात की। ब्राह्मण महासभा ने अमर दुबे की पत्नी का मुकदमा लड़ने का ऐलान किया है। दूसरी ओर बसपा सांसद ने संसद में विकास दुबे के मामले को उठाते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं।

ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि अमर दुबे की पत्नी बेकसूर है, उसे गलत तरीके जेल भेजा गया है। अमर दुबे की पत्नी का परिवार कानूनी लड़ाई का खर्च वहन करने की क्षमता नहीं रखता है। ऐसे में ब्राह्मण महासभा कानूनी लड़ाई लड़ेगी और बेटी को न्याय दिलाने का काम करेगी। बता दें कि किशोर न्याय बोर्ड ने अमर दुबे की पत्नी को नाबालिग करार दिया है।

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ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सूबे में एक जाती विशेष के राजनीतिक वर्चस्व को स्थापित करने के लिए ब्राह्मण समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। अमर दुबे गैंगस्टर रहा है, लेकिन उसकी पत्नी का क्या कसूर है जो चंद दिन पहले ही उस घर में आई थी। ऐसे में उसके ऊपर इतने गंभारी मुकदमे लगा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की इतनी बुरी दुर्दशा कभी नहीं रही है जबकि ब्राह्मण समाज के लोगों ने बीजेपी को एकतरफा वोट देकर सरकार बनाने का काम किया था। इसके बदले बीजेपी ब्राह्मणों को यह दिन दिखा रही है।

बता दें कि विकास दुबे के करीबी अमर दुबे की शादी 29 जून को कल्याणपुर में रहने वाले श्यामलाल तिवारी की बेटी खुशी से हुई थी। शादी के महज तीन दिन बाद 2 जुलाई की रात विकास दुबे के घर पर पुलिस टीम दबिश देने के लिए पहुंची थी। इसी दौरान विकास दुबे ने 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में अमर दुबे भी शामिल था। इसके बाद 8 जुलाई को हमीरपुर के मौदाहा में एसटीएफ और अमर दुबे के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें अमर दुबे मारा गया था। इसके बाद यूपी पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी को पुलिस वालों की हत्याकांड की साजिश में शामिल होने का दोषी बताकर जेल भेजा था।

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श्याम लाल तिवारी ने बीते 12 अगस्त को ऐंटी डकैती कोर्ट में अपनी बेटी के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के साथ नाबालिग होने का प्रार्थना पत्र दिया था। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया को किशोर बोर्ड के तहत चलाए जाने की अपील की गई थी। कोर्ट ने मामले को किशोर न्याय बोर्ड को स्थानांतरित कर दिया था. इस मामले में बीते 2 सितंबर को सुनवाई थी, अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकीलों ने अपने-अपने तर्क रखे। दोनों पक्षो को सुनने के बाद किशोर न्याय बोर्ड ने अमर दुबे की पत्नी को नाबालिग घोषित कर दिया है।

किशोर न्याय बोर्ड ने अमर दुबे की पत्नी को नाबालिग घोषित करने के बाद उसे बाराबंकी के बाल संप्रेक्षण गृह में शिफ्ट किया गया है। परिजन और वकील अब उसकी जमानत के प्रयास में जुटे हैं। ऐसे में ब्राह्मण महासभा ने अब अमर दुबे का मुकदमा लड़ने का बीड़ा उठाया है। महासभा के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी का कहना है कि लड़की के परिजनों की आर्थिक स्थिति बहुत की खराब है। ऐसे में मुकादमे की पैरवी नहीं कर सकते हैं, जिसके चलते ब्राह्मण महासभा आगे आई है।

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वहीं, गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर का मुद्दा सोमवार को संसद में भी गूंजा। बहुजन समाज पार्टी ने दुबे के एनकाउंटर के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा मिलनी चाहिए थी, लेकिन जिस तरह उसे मारा गया उससे लोगों का कानून पर भरोसा कमजोर हुआ है। बीएसपी सांसद रितेश पांडेय ने विकास दुबे के एनकाउंटर का मुद्दा उठाते हुए सिस्टम को सुधारने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘मैं गृहमंत्री और कानून मंत्री से अपील करूंगा कि वे इसका संज्ञान लें और सिस्टम को सुधारने का प्रयास करें ताकि पुलिस खुद को जज, जूरी और जल्लाद न समझने लगे।’

बता दें कि कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे 10 जुलाई को एनकाउंटर में मारा गया था. विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार करने के बाद सड़क के रास्ते कानपुर लाया जा रहा था। रास्ते में गाड़ी पलट गई, जिससे मौका देखकर विकास दुबे भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस के मुताबिक, इसके बाद पुलिस और उसके बीच मुठभेड़ हुई और क्रॉस फायरिंग में विकास दुबे मारा गया। इस एनकाउंटर को लेकर विपक्षी दलों ने तमाम सवाल खड़े किए थे, जिसकी जांच भी सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में चल रही है।

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