जौनपुर। उप्र के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने जौनपुर के सीएमएस के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई और तीन फार्मासिस्ट को निलंबित करने का निर्देश भी दिया है। उपमुख्यमंत्री ने यह कार्रवाई करंजकला ब्लॉक में 4 जून को छापेमारी के दौरान निजी मेडिकल स्टोर के गोदाम में सरकारी दवाइयां मिलने के मामले में की है। स्वास्थ्य मंत्री के इस निर्देश से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गई है। पूर्व एसडीएम सदर हिमांशु नागपाल ने छापेमारी कर गोदाम से सरकारी दवाइयां बरामद की थी।
तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल ने 4 जून को 2022को छापेमारी में लगभग 12 लाख रुपये की सरकारी दवा पकड़ी थी। इन दवाइयों के पैकेट पर ”नॉट फॉर सेल” लिखा हुआ था। जून में हुई छापेमारी के दौरान पकड़ी गई थी दवाइयों में से अधिकांश दवाई जुलाई के महीने में एक्सपायर होने वाली थी। हिमांशु नागपाल ने मीडिया को बताया था कि जिसके पीछे बड़ा रैकेट हो सकता है।
इस मामले में तीन फार्मेसिस्ट की संलिप्तता सामने आई थी। सरायख्वाजा थाने में धारा 419, 420 और 120 बी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था। मामले में जांच की कमान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल ने संभाली थी। जांच के दौरान जिला चिकित्सालय में कार्यरत कक्ष संख्या 21 के मुख्य फार्मासिस्ट संजय सिंह, ओपीडी काउंटर के मुख्य फार्मासिस्ट वीरेंद्र मौर्य और काउंटर संख्या 20 के मुख्य फार्मासिस्ट अखिलेश उपाध्याय का नाम सामने आया था। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा स्पष्ट किया गया था कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड और जांच में तीनों की भूमिका स्पष्ट हो गई।
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जांच रिपोर्ट में हिमांशु नागपाल ने जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ अनिल कुमार शर्मा को भी जमकर लताड़ लगाई थी। उन्होंने कहा था कि सीएमएस अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करते हैं। अगर सीएमएस सतर्क होते तो दवाइयों की कालाबाजारी को रोका जा सकता था। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की लापरवाही तय करते हुए हिमांशु नागपाल ने कहा था कि सीएमएस नियंत्रण नहीं रखते हैं।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को 3 फार्मासिस्ट और सीएमएस के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उपमुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर जानकारी दिया की 3 फार्मासिस्ट को निलंबित किया जा रहा है।