लखनऊ। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Lucknow Airport) की सुरक्षा व्यवस्था में एक बार फिर सेंध लग गई। सीआईएसएफ के एसआई ने बुधवार शाम आगमन परिसर (अराइवल सिटी एरिया) से संदिग्ध युवक-युवती को पकड़ा। युवक सीआईएसएफ की वर्दी पहन दरोगा बनकर घूम रहा था। दोनों को सरोजनीनगर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पड़ताल में पता चला कि दोनों एयरपोर्ट में नौकरी के नाम पर बेरोजगारों को ठगते हैं।
इंस्पेक्टर सरोजनीनगर शैलेंद्र गिरि के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों की पहचान गोरखपुर के बनगवां निवासी इंद्रेश मौर्या और रायबरेली की सोनी के रूप में हुई। इनके पास से फर्जी पहचान पत्र व ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) का टेंपरेरी एयरपोर्ट एंट्री परमिट मिला। अधिकारियों ने बीसीएएस से कंफर्म किया तो पता चला कि परमिट जाली है। पुलिस के मुताबिक, दोनों ठगी का गिरोह चलाते हैं। इन्होंने एयरपोर्ट में नौकरी के नाम पर अभी तक छह लोगों से करीब आठ लाख रुपये ऐंठने की बात भी कुबूली।
इंस्पेक्टर के अनुसार, सीआईएसएफ के एसआई प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट (Lucknow Airport) की सुरक्षा को धता बताकर इंद्रेश मौर्या अराइवल सिटी एरिया तक पहुंच गया था। इस दौरान प्रदीप की उस पर नजर पड़ गई। संदेह होने पर इंद्रेश को दबोचा गया। पूछताछ में उसकी सहयोगी सोनी की जानकारी हुई। इसके बाद उसे भी अराइवल सिटी एरिया से पकड़ा गया।
कई बार वर्दी पहन एयरपोर्ट परिसर गया
इंस्पेक्टर के अनुसार, इंद्रेश ने बताया कि वह ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मेडिकल फर्म में सुपरवाइजर था। नौकरी छूटने के बाद गोरखपुर नहीं लौटा। कुछ वक्त पहले उसने गर्लफ्रैंड व परिवारीजनों को बताया कि उसकी तैनाती सीआईएसएफ में दरोगा के पद पर हो गई है। भरोसा दिलाने के लिए आरोपी ने सदर बाजार से वर्दी खरीदी। कई बार उसे पहनकर एयरपोर्ट परिसर से गर्लफ्रैंड को वीडियो कॉल भी कर चुका है।
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इंद्रेश ने सोनी से कहा था कि वह कई लोगों की एयरपोर्ट (Lucknow Airport) पर नौकरी लगवा चुका है। उसकी भी लगवा देगा। हालांकि, मुलाकात होने पर आरोपी ने सोनी को सच्चाई बताते हुए उसे भी गिरोह में शामिल कर लिया। इंटरनेट व सोशल मीडिया से दोनों एयरपोर्ट में नौकरी की पोस्ट डालने लगे। इसके बाद संपर्क करने वाले युवक-युवतियों से ठगी करने लगे। झांसा देने के लिए सीआईएसएफ, अदाणी एयरपोर्ट और कई अन्य महत्वपूर्ण विभागों की जाली ईमेल आईडी बना रखी है। इंद्रेश फोटो एडिटर एप से फोटो व नाम एडिट कर जाली नियुक्ति पत्र बनाकर भेजता था।