• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

ब्रेथ एनालाइजर सांस से ही कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव होने की देगा रिपोर्ट

Desk by Desk
20/07/2021
in Main Slider, अंतर्राष्ट्रीय, ख़ास खबर, नई दिल्ली, राष्ट्रीय, स्वास्थ्य
0
ब्रेथ एनालाइजर सांस से ही कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव होने की देगा रिपोर्ट

ब्रेथ एनालाइजर सांस से ही कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव होने की देगा रिपोर्ट

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली. कोरोना को लेकर अलग-अलग तरह रिसर्च के बीच एक कंपनी ने इसे लेकर ऐसा ब्रेथ एनालाइजर बनाया है जो किसी व्यक्ति की सांस चेक करके ही कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव होने के बारे में बता देगा।

डच कंपनी ब्रेथोमैक्स का बनाया हुआ स्पिरोनोज सांस पर आधारित कोरोना टेस्ट है। मई में सिंगापुर की हेल्थ एजेंसी ने ब्रेथोमैक्स और सिल्वर फैक्ट्री टेक्नोलॉजी द्वारा बनाए गए दो सांस आधारित टेस्ट को प्रोविजनल ऑथराइजेशन दे दिया है।

पोर्नोग्राफी केस: राज कुंद्रा के बाद ये शख्स भी हुआ गिरफ्तार

ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का कहना है कि उन्होंने अपने कोविड -19 ब्रेथ एनालाइजर की इमरजेंसी ऑथराइजेशन के लिए अमेरिकन फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन में आवेदन दे दिया है।

इंग्लैंड में लाफबॉरो यूनिवर्सिटी के एक केमिस्ट पॉल थॉमस कहते हैं कि अब यह साफ हो गया है कि सांस से ही कोरोना के पॉजिटिव या निगेटिव होने का पता लगाया जा सकता है। यह साइंस फिक्शन नहीं सच है।

मानसून की एंट्री, इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना, येलो अलर्ट जारी

लंबे समय से था इस डिवाइस का इंतजार

साइंटिस्ट लंबे समय से एक ऐसे पोर्टेबल डिवाइस की खोज में लगे थे जो किसी व्यक्ति की केवल सांस से बीमारी का पता लगा सके। साथ ही इस तरह की स्क्रीनिंग पेनलेस भी हो, लेकिन इस सपने को पूरा करना एक चुनौती साबित हुई, क्योंकि अलग-अलग तरह की बीमारियों में भी सांस में हुए बदलाव एक जैसे ही हो सकते हैं।

सांस में बदलाव का ये भी कारण

डाइट भी सांस में होने वाले बदलाव को प्रभावित कर सकती है। जैसे कि धूम्रपान और शराब पीने वाले लोगों में सांस से बीमारी का पता लगाना मुश्किल हो सकता है। फिर भी साइंटिस्ट ने सेंसर टेक्नोलॉजी, मशीन लर्निंग और लगातार हो रही रिसर्च के माध्यम से कोरोना का पता लगाने के लिए ब्रेथ एनालाइजर तैयार कर लिया है।

अफगानिस्तान में ईद की नमाज के दौरान राष्ट्रपति भवन पर रॉकेट हमला, अशरफ गनी थे टारगेट पर

सांस की बायोलॉजी

इंसान की सांस काफी ज्यादा कॉम्प्लेक्स होती है। जब भी हम सांस छोड़ते हैं, तो हम सैकड़ों गैस छोड़ते हैं जिन्हें वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स या V.O.C.s कहते हैं। ये सभी गैस सेलुलर मेटाबोलिज्म, डाइजेशन और सांस लेने से पैदा होती हैं। रोग इन प्रक्रियाओं को बाधित कर सकता है, जिसकी वजह से V.O.C.s में बदलाव हो सकते हैं।

जर्मनी और ब्रिटेन में हुई रिसर्च

पिछले साल से कई कंपनियों के रिसर्चर्स सांस के माध्यम से कोरोना का पता लगाने की कोशिश में लगे हुए हैं। 2020 में जर्मनी और ब्रिटेन के रिसर्चर्स ने सांस से जुड़ी किसी बीमारी के लक्षण दिखने वाले 98 लोगों के सांस के सैंपल लिए थे। इनमें से 31 लोगों को कोविड, बाकि सभी अस्थमा, बैक्टीरियल निमोनिया या दिल की बीमारियों से पीड़ित थे।

बेजोस का रॉकेट, कैप्सूल स्पेश मिशन को तैयार, आज अंतरिक्ष में दर्ज होगा नया इतिहास

4,510 लोगों पर एक स्टडी, 98% तक सही पहचान

स्पिरोनोज को लेकर 4,510 लोगों पर एक स्टडी की गई थी। डच रिसर्चर्स की एक टीम ने बताया कि डिवाइस ने कम से कम 98 प्रतिशत लोगों की सही पहचान की, जो कोरोना वायरस से संक्रमित थे। जबकि इनमें से कई लोगों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं था। स्टडी में पाया गया कि स्पिरोनेज में फॉल्स पॉजिटिव के चांसेज ज्यादा हैं। इस वजह से यह डिवाइस लोगों को इस्तेमाल के लिए नहीं दी गई।

मानसून सत्र से पहले हो सकता है योगी मंत्रिमंडल का विस्तार

एम्स्टर्डम ने इस्तेमाल पर लगाई थी रोक

कंपनी के रिसर्चर्स डी व्रीस का कहना है कि नीदरलैंड में कई जगह इस डिवाइस से टेस्टिंग हो रही है। मई में एम्स्टर्डम की पब्लिक हेल्थ अथॉरिटी ने 25 फॉल्स निगेटिव मिलने के बाद इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। हालांकि बाद में पता चला कि टेस्ट करते वक्त इसका इस्तेमाल सही तरीके से नहीं किया गया था, जिसके बाद इसका इस्तेमाल फिर से शुरू कर दिया गया।

हालांकि इस डिवाइस को लेकर रिसर्चर्स का यह भी कहना है कि यह टेस्ट एक विकल्प की तरह ही इस्तेमाल किया जा सकता है, इसे दूसरे टेस्ट करने के तरीकों से पूरी तरह रिप्लेस नहीं किया जा सकता है।

Tags: American Food and Drug AdministrationauthorizationBreath Analyzerbreathomax and silver factory technologychemist Paul Thomascorona positivecorona viruscovid-19 breath analyzerDutch company BreathomaxDutch company BrethomaxEnglandLoughborough UniversityOhio State Universityprovisional authorizationresearchersscience fictionspironose breath
Previous Post

पोर्नोग्राफी केस: राज कुंद्रा के बाद ये शख्स भी हुआ गिरफ्तार

Next Post

इस जिले के ठेले पर चाट-समोसा बेचने वाले हैं करोड़पति, प्रॉपर्टी जानकर हो जाएंगे दंग

Desk

Desk

Related Posts

Mango Cake
Main Slider

अपने स्पेशल टेस्ट से सबको दीवाना बना लेती है यह डिश, दिलों पर करती है राज

14/06/2025
Financial Lost)
Main Slider

इन दिशाओं में रख दें ये चीजें, घर में होगी धन की बरकत

14/06/2025
Upper Lip Hair
Main Slider

इन घरेलू नुस्खों से पाएं चेहरे के अनचाहे बालो से छुटकारा

14/06/2025
Jeera Aloo
Main Slider

इस तरह से बनाए ये खास रेसिपी, आपको दिवाना बना देगा लाजवाब स्वाद

14/06/2025
Rice Samosa
खाना-खजाना

आज ट्राई करें ये स्पेशल डिश, खाते ही दिल हो जाएगा खुश

14/06/2025
Next Post

इस जिले के ठेले पर चाट-समोसा बेचने वाले हैं करोड़पति, प्रॉपर्टी जानकर हो जाएंगे दंग

यह भी पढ़ें

AK Sharma

बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़ी है राज्य सरकार : एके शर्मा

27/07/2024
Shahjahan Sheikh

टीएमसी नेता के घर रेड डालने पहुंची ED की टीम, 200 लोगों ने किया हमला कर तोड़ी गाड़ियां

05/01/2024
bus fell into ditch

गहरी खाई में गिरी बस, 13 यात्रियों की मौत

15/05/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version