लखनऊ। उत्तर प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि ईंट-भट्ठा संचालकों से निर्धारित व्यवस्था के अनुसार पायों के आधार पर निर्धारित विनियमन शुल्क जमा कराए जाने के उपरांत ही ईंट-भट्ठें के संचालन की अनुमति प्रदान की जाए।
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डॉ. जैकब ने बताया कि जारी दिशा-निर्देशों में के बिना विनियमन शुल्क जमा कराये ईंट-भट्ठों के संचालन से राजस्व की क्षति होगी। डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि प्रदेश में लगभग 16 हजार ईंट-भट्ठें हैं, जिनके विनियमन शुल्क जमा करने का ऑनलाइन सिस्टम डेवलप किया गया है। इससे शुल्क जमा करने में ईंट-भट्टा संचालकों को बहुत आसानी होगी और व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।