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जन्माष्टमी पर घर ले आएं ये एक चीज, भर जायेगी सूनी गोद

Janmashtami

Janmashtami

जन्माष्टमी (Janmashtami) का पावन पर्व भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति, प्रेम और उनकी लीलाओं का उत्सव है। श्रीकृष्ण की बांसुरी उनकी पहचान और प्रेम का प्रतीक मानी जाती है। धार्मिक और वास्तु शास्त्र दोनों में बांसुरी को बेहद शुभ और कल्याणकारी वस्तु बताया गया है। कहा जाता है कि अगर जन्माष्टमी (Janmashtami) के दिन घर में बांसुरी लाई जाए और उचित स्थान पर रखी जाए, तो यह न केवल घर के वातावरण को पवित्र करती है, बल्कि सौभाग्य और समृद्धि के द्वार भी खोल देती है।

जन्माष्टमी (Janmashtami) के पावन अवसर पर बांसुरी रखना केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि यह आपके जीवन में खुशियां, शांति और समृद्धि लाने का एक आसान उपाय है। इस बार जन्माष्टमी (Janmashtami) पर बांसुरी लाना न भूलें और श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर दें।

बांसुरी का धार्मिक महत्व

श्रीमद्भागवत और पुराणों में उल्लेख है कि भगवान कृष्ण की बांसुरी की मधुर धुन से गोपियों के मन में प्रेम, आनंद और भक्ति जागृत होती थी। यह धुन केवल संगीत नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती थी।इसीलिए घर में बांसुरी रखना भगवान कृष्ण का आशीर्वाद पाने के समान माना जाता है।

घर में बांसुरी रखने के 7 बड़े फायदे

नकारात्मक ऊर्जा का नाश

वास्तु शास्त्र में बांसुरी को ‘पॉज़िटिव वाइब्रेशन’ का स्रोत बताया गया है। घर में इसे पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं और घर में शांति बनी रहती है।

पारिवारिक संबंधों में मधुरता

जैसे बांसुरी की मधुर आवाज़ से गोपियों का मन मोह लिया जाता था, वैसे ही यह घर में आपसी प्रेम और समझ बढ़ाती है। पति-पत्नी के बीच चल रहे तनाव भी कम हो सकते हैं।

आर्थिक स्थिति में सुधार

पीतल या लकड़ी की बांसुरी को लाल या पीले धागे में बांधकर घर के मुख्य दरवाजे पर रखने से धन की आवक बढ़ती है और आर्थिक संकट कम होते हैं।

संतान प्राप्ति में सहायक

मान्यता है कि जो दंपति संतान सुख की कामना करते हैं, वे जन्माष्टमी के दिन पीली बांसुरी को भगवान कृष्ण को अर्पित कर, बाद में पूजा घर में रखें। इससे संतान प्राप्ति की संभावना बढ़ती है।

करियर और बिज़नेस में तरक्की

ऑफिस या कार्यस्थल पर बांसुरी रखने से काम में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और नए अवसर प्राप्त होते हैं।

स्वास्थ्य में सुधार

बांसुरी की ध्वनि और प्रतीकात्मक ऊर्जा मानसिक तनाव को कम करती है। इससे घर में रहने वालों की सेहत बेहतर रहती है।

भाग्य का उदय

जन्माष्टमी (Janmashtami) पर लाई गई बांसुरी को पूरे वर्ष घर में रखना शुभ माना जाता है। यह नए अवसर और सौभाग्य को आकर्षित करती है।

बांसुरी रखने का सही तरीका

सामग्री: लकड़ी या पीतल की बांसुरी सबसे शुभ मानी जाती है।

स्थान: पूर्व, उत्तर-पूर्व या पूजा घर में रखें।

विधि: जन्माष्टमी के दिन बांसुरी को गंगाजल से धोकर, पीले या लाल धागे में बांधें और भगवान कृष्ण के चरणों में अर्पित करें।

नियम: बांसुरी को फर्श पर न रखें, हमेशा ऊँचाई पर रखें।

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