वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का प्रतीक है। इस पावन अवसर पर लोग पूजा-पाठ, दान-पुण्य और ध्यान-साधना में लीन रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष वस्तुओं को घर लाने से न केवल जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि किस्मत का ताला भी खुल सकता है और घर में सुख-समृद्धि की वर्षा होती है।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत रविवार, 11 मई को रात्रि 8 बजकर 1 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन यानी 12 मई को रात्रि 10 बजकर 25 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा का पर्व सोमवार 12 मई को मनाया जाएगा।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) पर घर लाएं ये चीजें
बुद्ध की प्रतिमा या चित्र
बुद्ध की शांत मुद्रा वाली प्रतिमा को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे घर में शांति, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। ध्यान मुद्रा में बुद्ध की प्रतिमा मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन को बढ़ावा देती है।
बांस का पौधा
लकी बैंबू को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे बुद्ध पूर्णिमा के दिन घर लाकर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखने से परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य बना रहता है और धन की वृद्धि होती है।
धूप व दीपक
बुद्ध पूर्णिमा की रात को घर में घी का दीपक जलाकर उसे तुलसी या पूजा स्थान पर रखने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। साथ ही, चंदन या लोबान की धूप से वातावरण शुद्ध और पवित्र होता है।
मोर पंख
मोर पंख को सुंदरता और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन घर में मोर पंख लाना शुभ होता है। इसे घर के मुख्य द्वार पर या लिविंग रूम में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।
दान-पुण्य की वस्तुएं
बुद्ध पूर्णिमा पर अन्न, वस्त्र, जल, फल आदि का दान करना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। खासकर गरीबों और ज़रूरतमंदों को कुछ देना आपके जीवन में सौभाग्य और समृद्धि लेकर आता है।
चांदी के सिक्के
चांदी को शुद्ध और पवित्र धातु माना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन चांदी के सिक्के घर लाना आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है। इन सिक्कों को पूजा घर में या तिजोरी में रखना शुभ माना जाता है। यह धन और समृद्धि को आकर्षित करने में सहायक होते हैं।
क्यों है खास यह दिन?
बुद्ध पूर्णिमा न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह आत्मिक जागृति और करुणा का संदेश भी देती है। इस दिन यदि श्रद्धा और निष्ठा के साथ कुछ शुभ कार्य किए जाएं, तो माना जाता है कि जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। भगवान बुद्ध की शिक्षाएं हमें शांति, धैर्य और सहिष्णुता का मार्ग दिखाती हैं। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि सच्ची खुशी बाहरी वस्तुओं में नहीं, बल्कि मन की शांति और दूसरों के प्रति करुणा में निहित है।