धनतेरस (Dhanteras) को धन त्रयोदशी भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धनवत्रयोदशी के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी अपने हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. भगवान धनवंतरी को श्री हरि का रूप भी माना जाता है. भगवान धनवंतरी देवताओं के आयुर्वेद प्रवर्तक माने जाते हैं. धनतेरस (Dhanteras) के दिन यम की दिशा में दिया जलाने का विधान है. आइए जानते हैं कि धनतेरस के दिन क्या क्या किया जाता है.
बर्तन
धनतेरस (Dhanteras) के दिन बर्तन खरीदने की भी परंपरा है, लेकिन अधिकतर लोगों को ये पता नहीं होता कि किस धातु के बर्तन खरीदें. अगर आपको इसमें संदेह है तो आप पीतल के बर्तन खरीद लीजिए और इसे अपने घर की पूर्व दिशा में रखें.
निवेश
धनतेरस के दिन निवेश करना बड़ा ही शुभ माना जाता है. इस दिन धन से संबंधित जो भी कार्य किए जाते हैं, वो सब पूरे होते हैं और साथ ही शुभ फल भी प्राप्त होता है. आप चाहें तो इस दिन किसी म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं, उससे भी लाभ प्राप्त होगा.
धनिये के बीज
इस दिन धनिये के बीज खरीदने की भी परंपरा है. धनतेरस पर धनिया खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. इसे समृद्धि का प्रतीक माना गया है. पूजा में मां लक्ष्मी को धनिये के बीज अर्पित कर, इसे अपनी तिजोरी में रख दें. साथ ही इस दिन धनिये के बीज किसी नए गमले में बोने चाहिए.
चांदी
इस दिन चांदी खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है. दरअसल, चांदी को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है. चंद्रमा मन को शांति और शीतलता देती है. इसलिए, इस दिन मन को शांत रखने के लिए कोई भी चांदी की चीज खरीद सकते हैं.
दीपदान
धनतेरस पर यम देवता के लिए दीपदान करने का खास महत्व होता है. धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार 13 दीप जलाने चाहिए. इस दिन मुख्य दीपक रात को सोते समय जलाया जाता है. और ये दीप दक्षिण दिशा में ही जलाना चाहिए. दरअसल, दक्षिण दिशा यम की दिशा कहलाती है.
गोमती चक्र
सेहतमंद और संपन्नता के लिए धनतेरस के दिन 11 गोमती चक्र खरीदने चाहिए. धनतेरस पर गोमती चक्र को पीले वस्त्र में बांधकर अपनी तिजोरी या लॉकर में रख दें.
सोलह श्रृंगार का सामान
धनतेरस के दिन शादीशुदा महिलाओं को श्रृंगार का तोहफा देना शुभ माना जाता है. इसके अलावा लाल रंग की साड़ी और सिंदूर देना भी अच्छा होता है.
कैसे करें भगवान धनवंतरी की पूजा
घर की उत्तर दिशा में भगवान धनवंतरी का अमृत कलश लिए हुए एक पोस्टर लगाना है. उसके सामने एक पानी का कलश भरकर रखना चाहिए. उसके ऊपर एक दिया जलाना चाहिए. इसके साथ आप भगवान धनवंतरी के मंत्रों का जप करें.
मंत्र हैं- ऊं नमो भगवते वासुदेव: धनवंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नम: ।।
इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए. जप के बाद लोटे का जल सब घर वालों को देना चाहिए. इनकी पूजा से आपको निरोगी काया का आशीर्वाद प्राप्त होगा.