आजकल साइबर गैंग द्वारा सिम बंद होने, बैंक का खाता बंद होने या केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी कर, उनके खाते से लाखों रुपए निकाल लिए जाते हैं, लेकिन जनपद बांदा में एक बीएसएनएल कर्मचारी भी साइबर गैंग के झांसे में आकर अपना तीन लाख रुपये गवा बैठे। साइबर सेल ने उनके रुपए वापस कराने में सफलता प्राप्त की है।
इस बारे में भुक्तभोगी विजय पाल सिंह पुत्र जागेश्वर सिंह निवासी ग्राम भुजौली थाना तिंदवारी ने बताया कि मेरे मोबाइल में 27 जुलाई 2021 को अभियुक्त द्वारा केवाईसी अपडेट करने के लिए एस एम एस भेजा गया। जिसमें लिखा था कि आपके मोबाइल नंबर की केवाईसी अपडेट नहीं है जिसके कारण आपका मोबाइल बंद हो जाएगा।
जिसके झांसे में आकर मैंने साइबर ठग द्वारा बताए गए गूगल प्ले स्टोर से स्क्रीन शेयरिंग एप नाम का ऐप इंस्टॉल किया और साइबर ठग के कहने पर उक्त एप की आईडी व पासवर्ड बता दी। फिर उसने कहा कि अपने मोबाइल नंबर पर 10 रुपये का रिचार्ज करें, जिस पर मैंने अपने एसबीआई नेट बैंकिंग से 10 रुपये का रिचार्ज किया। रिचार्ज करने के लिए जब मैंने नेटवर्किंग नेट बैंकिंग का आईडी पासवर्ड डाला तो साइबर ठग द्वारा स्क्रीन शेयरिंग एप के माध्यम से आईडी पासवर्ड देख लिया गया और इसके बाद मेरे खाते से तीन लाख की धोखाधड़ी कर ली।
इस संबंध में मैंने साइबर सेल चित्रकूट धाम परिक्षेत्र बांदा में मुकदमा पंजीकृत कराया।जिसकी विवेचना मोहम्मद फहीम अख्तर द्वारा की गई और फिर अपनी टीम के साथ उन्होंने खाते से गई संपूर्ण धनराशि तीन लाख रुपये वापस कराए।
इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद फहीम अख्तर ने बताया कि आजकल यह देखने में आ रहा है कि अपराधी सिम बंद होने, बैंक का खाता बंद होने या केवाईसी अपडेट करने के नाम पर 10 रुपये का रिचार्ज कराते हैं और एनीडेस्क, क्लीकस्पोर्ट, टीमवीवर जैसी एप्लीकेशन डाउनलोड करा कर फोन एक्सेस कर लेते हैं और फिर धोखाधड़ी करते हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि वह उनके झांसे में न आए और अपनी गोपनीय जानकारी किसी को न दें। तभी साइबर अपराध से बचा जा सकता है।