उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने बड़ा दांव चलने की तैयारी कर ली है। सूबे में एक बार फिर से मायावती ब्राह्मणों को साधने में जुट गई हैं।
ऐसे में यूपी के ब्राह्मण वर्ग को साधने की सबसे ज़रूरी जिम्मेदारी सतीश चंद्र मिश्रा को दी गई है। ऐसे में बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ब्राह्मण सम्मेलन के तीसरे चरण की शुरुआत करेंगे, जिसके तहत वो 16 से 24 अगस्त तक 16 जिलों का दौरा करेंगे।
बसपा महासचिव बाराबंकी, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र, गाजीपुर, आजमगढ़, बलिया मऊ, औरैया, इटावा, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज और उन्नाव में ‘प्रबुद्ध सम्मेलन’ करने की तैयारी कर चुके हैं। गौरतलब है कि इस सम्मेलन का पहला चरण अयोध्या से शुरू हुआ, दूसरा चरण 1 अगस्त से वृंदावन से शुरू हुआ। जिसके बाद अब तीसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है।
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माना जा रहा है कि जिस प्रकार 2007 में यूपी की सियासत में नारा उछाला गया था कि ब्राह्मण शंख बजाएगा, हाथी चलता जाएगा। इस बार फिर से ये नारा लौट रहा है। करीब 9 साल से यूपी की सत्ता से बाहर रही मायावती फिर उसी अंदाज में चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं और फिर ब्राह्मण वोटरों को लुभाकर विजय का प्लान बना रही हैं।
बता दें कि मायावती ने 2007 में यूपी के चुनाव में 403 में से 206 सीटें जीतकर और 30 फीसदी वोट के साथ सत्ता हासिल करके देश की सियासत में तहलका मचा दिया था। बसपा 2007 का प्रदर्शन कोई आकस्मिक नहीं था बल्कि उसके पीछे मायावती की सोची समझी रणनीति थी। प्रत्याशियों की घोषणा चुनाव से लगभग एक साल पहले ही कर दी गई थी। इसके अलावा ओबीसी, दलितों, ब्राह्मणों, और मुसलमानों के साथ एक तालमेल बनाया था। बसपा इसी फॉर्मूले को फिर से जमीन पर उतारने की कवायद में है।